अर्थव्यवस्था

16वें वित्त आयोग को कैबिनेट से मिली मंजूरी, मगर नहीं बताए गए अध्यक्ष और सदस्यों के नाम

पिछले साल 21 नवंबर को 16वें वित्त आयोग के औपचारिक गठन के लंबित रहने तक शुरुआती कार्यों की निगरानी के वित्त मंत्रालय में एक एडवांस सेल का गठन किया गया था।

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असित रंजन मिश्र   
Last Updated- November 29, 2023 | 10:15 PM IST

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को देर रात 16वें वित्त आयोग के गठन को मंजूरी दे दी। मगर आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों के नामों का खुलासा नहीं किया गया है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने बुधवार को संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति जल्द से जल्द की जाएगी क्योंकि उन्हें अगले दो वर्षों में अपनी रिपोर्ट पूरी करनी होगी।

16वें वित्त आयोग को अपनी रिपोर्ट दो साल में 31 अक्टूबर, 2025 तक जमा करनी है। वह रिपोर्ट पांच साल की अवधि के लिए होगी जो 1 अप्रैल, 2026 को लागू होगी। एनके सिंह की अध्यक्षता वाले 15वें वित्त आयोग की सिफारिशें 31 मार्च, 2025 तक वैध हैं।

कैबिनेट द्वारा जारी संदर्भ शर्तों में अ​धिकतर संवैधानिक लिहाज से अनिवार्य प्रावधानों को ही शामिल किया गया है। इनमें केंद्र एवं राज्यों के बीच शुद्ध कर आय का वितरण, भारत की संचित निधि से राज्यों को मिलने वाले अनुदान से संबं​धित सिद्धांत और राज्यों में पंचायतों एवं नगरपालिकाओं को संसाधन उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक उपाय शामिल हैं।

सामान्य तौर पर संवैधानिक रूप से अनिवार्य मामलों के इतर अन्य तमाम मुद्दों पर वित्त आयोग की राय मांगी जाती है। 15वें वित्त आयोग को राज्यों पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के प्रभाव, प्रदर्शन आधारित प्रोत्साहन और लोकलुभावन उपायों पर खर्च का विश्लेषण करने के लिए कहा गया था। केंद्र ने देश के रक्षा खर्च में राज्यों के योगदान की गुंजाइश तलाशने के लिए भी 15वें वित्त आयोग में एक अतिरिक्त प्रावधान किया था।

आ​र्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने एक अन्य कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, ‘संविधान में जो कुछ कहा गया है, हमने उतना ही किया है। अन्य विवरण गजट अधिसूचना में होंगे।’

ईवाई इंडिया के मुख्य नीति सलाहकार डीके श्रीवास्तव ने कहा कि यह संवैधानिक प्रावधानों की बहाली मात्र है। उन्होंने कहा, ‘यह वैसा सामान्य तरीका नहीं है जिसके तहत पूर्व में वित्त आयोग के गठन की घोषणा की जाती रही है। ऐसा लगता है कि वित्त आयोग के पूरी तरह गठित होने के बाद ही विस्तृत संदर्भ शर्तों की घोषणा की जाएगी।’

संदर्भ शर्तों में आपदा प्रबंधन कोष से संबंधित एक खंड भी दिया गया है। इसमें कहा गया है, ‘आयोग आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 (2005 का 53) के तहत गठित कोष के संदर्भ में आपदा प्रबंधन गतिवि​धियों के वित्तपोषण की मौजूदा व्यवस्था की समीक्षा कर सकता है और उसके लिनए उचित सिफारिशें भी कर सकता है।’

श्रीवास्तव ने कहा कि संबंधित कानून के लागू होने के बाद यह वित्त आयोग का एक प्रमुख काम भी है। उन्होंने कहा, ‘आपदा प्रबंधन के लिए कुछ कोष स्थापित करने की आवश्यकता होती है जिसमें केंद्र और राज्य सरकारें दोनों योगदान करती हैं। वित्त आयोग यह निर्धारित करता है कि उस कोष के जरिये राज्यों को कितनी रकम दी जाएगी। हर पांच साल बाद उसमें संशोधित करना होगा।’

पिछले साल 21 नवंबर को 16वें वित्त आयोग के औपचारिक गठन के लंबित रहने तक शुरुआती कार्यों की निगरानी के वित्त मंत्रालय में एक एडवांस सेल का गठन किया गया था।

(साथ में ​शिवा राजौरा)

First Published : November 29, 2023 | 10:15 PM IST