ऑनलाइन फूड डिलिवरी प्रदाता जोमैटो एवं ऑनलाइन ग्रोसरी फर्म ब्लिंकइट शेयर स्वैप सौदे के तहत विलय के लिए बातचीत की प्रक्रिया में हैं। यह विलय ऐसे समय में हो रहा है जब जोमैटो ने मंगलवार को नियामकीय दस्तावेज में कहा कि उसने ग्रोफर्स इंडिया को 15 करोड़ डॉलर का कर्ज दिया है।
सूत्रों ने भी इसकी पुष्टि की है कि दोनों कंपनियां विलय के लिए समझौता करने के कगार पर हैं। इस घटनाक्रम से अवगत एक अधिकारी ने कहा, ‘यह विलय शेयर अदला-बदली प्रक्रिया के जरिये होगा। इसकी वैल्यू करीब 75-80 करोड़ डॉलर है और ब्लिंकिट के निवेशकों को जोमैटो में लगभग 10 प्रतिशत हिस्सा मिलेगा। ब्लिंकिट में निवेशक सॉफ्टबैंक को विलय से गठित इकाई में करीब 4-4.5 प्रतिशत शेयरधारिता मिलेगी।’ इस बीच, बीएसई को दी जानकारी में जोमैटो ने कहा कि कंपनी ने एक साल की अवधि के लिए 12 प्रतिशत सालाना की ब्याज दर पर कर्ज दिया है और यह राशि एक या इससे ज्यादा बार में दी जाएगी।
जोमैटो ने कहा है, ‘कंपनी के वरिष्ठ प्रबंधन के संबंध में अधिकारियों को कर्ज की मुख्य शर्तें और आगामी तारीख पर दस्तावेज सौंपने के बारे में निर्णय लेना होगा।’ कर्ज की मात्रा अगले दो साल के दौरान भारत में क्विक कॉमर्स में 40 करोड़ डॉलर तक की नकदी निवेश की जोमैटो की कथित घोषणा के अनुरूप है। जोमैटो की ब्लिंकइट में करीब 10 प्रतिशत इक्विटी पहले से ही है। पिछले साल जून में, जोमैटो ने ऑनलाइन किराना कंपनी में 10 करोड़ डॉलर का निवेश किया था, जिससे कंपनी यूनिकॉर्न की सूची में शुमार हो गई थी। जोमैटो ने यह भी कहा कि उसने मुकुंदा फूड्स प्राइवेट लिमिटेड में करीब 50 लाख डॉलर में 16.66 प्रतिशत इक्विटी खरीदी है।