एलएंडटी (लार्सन एंड टुब्रो) के चेयरमैन एसएन सुब्रमण्यम के 90 घंटे काम करने के सुझाव पर विवाद खड़ा हो गया है। उनके कॉमेंट पर हुई तीखी आलोचना के बाद कंपनी ने सफाई देते हुए कहा कि “असाधारण परिणाम के लिए असाधारण प्रयास की जरूरत होती है।”
कंपनी ने एक बयान जारी कर कहा, “हम मानते हैं कि यह भारत का दशक है, जहां तरक्की और ग्रोथ के लिए सामूहिक समर्पण और कोशिश जरूरी है। चेयरमैन की टिप्पणी इसी बड़े लक्ष्य की ओर इशारा करती है।”
एलएंडटी ने यह भी कहा, “हमारे लिए राष्ट्र-निर्माण मुख्य उद्देश्य है। पिछले आठ दशकों से हम भारत के बुनियादी ढांचे, उद्योग और तकनीकी क्षमताओं को आकार दे रहे हैं। हमारा लक्ष्य ऐसी संस्कृति को बढ़ावा देना है जहां जुनून, उद्देश्य और परफॉरमेंस हमारे काम को आगे बढ़ाएं।”
कर्मचारियों से बातचीत के दौरान एसएन सुब्रमण्यम का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने कर्मचारियों से सप्ताह में 90 घंटे और रविवार को भी काम करने की बात कही। उन्होंने कहा, “अगर मैं आपको रविवार को काम करने के लिए मोटिवेट कर सकूं, तो मुझे खुशी होगी, क्योंकि मैं खुद रविवार को भी काम करता हूं।”
उन्होंने यह भी कहा, “आप घर पर क्या करते हैं? आप अपनी पत्नी को कितनी देर तक देख सकते हैं, और पत्नी अपने पति को कितनी देर तक देख सकती है? आइए, ऑफिस आएं और काम शुरू करें।”
उन्होंने आगे कहा कि चीन जल्द ही अमेरिका को पीछे छोड़ सकता है, क्योंकि चीनी कर्मचारी 90 घंटे काम करते हैं, जबकि अमेरिकी केवल 50 घंटे।
सुब्रमण्यम का ’90 घंटे काम’ का सुझाव इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति के ’70 घंटे काम’ के सुझाव से भी एक कदम आगे है। नारायण मूर्ति ने पहले कहा था कि “हमें कड़ी मेहनत करनी चाहिए और भारत को नंबर एक बनाने की दिशा में काम करना चाहिए।”
मूर्ति ने यह भी कहा था कि 1986 में भारत का छह दिन से पांच दिन के वर्क वीक में बदलाव उन्हें निराशाजनक लगा।
सुब्रमण्यम के इस बयान पर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आईं। उनके ‘पत्नी को कितनी देर देख सकते हो’ वाले बयान पर एक यूजर ने लिखा, “कर्मचारी स्क्रीन और मैनेजर्स को कितनी देर तक देख सकते हैं?” एक अन्य यूजर ने इसे सेक्सिस्ट सोच बताया। उन्होंने कहा, “एलएंडटी चेयरमैन का यह बयान गैर-जिम्मेदाराना है। ऐसा कहना न सिर्फ परिवार विरोधी संस्कृति को बढ़ावा देता है, बल्कि यह व्यक्तिगत चुनावों का भी अपमान है।”
इस बीच, बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी करने पर चेयरमैन की आलोचना की। उन्होंने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी में लिखा, “यह चौंकाने वाला है कि इतने सीनियर पदों पर बैठे लोग इस तरह के बयान देते हैं।