नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (एनबीएफसी) बजाज फाइनेंस ने मार्च 2025 को समाप्त तिमाही के रिजल्ट की घोषणा कर दी है। कंपनी ने चौथी तिमाही में शानदार प्रदर्शन किया है। बजाज फाइनेंस ने स्टैंडअलोन आधार पर 16 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 3,940 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा दर्ज किया। पिछले साल की इसी तिमाही में यह आंकड़ा 3,402 करोड़ रुपये था। कंपनी की कुल आय भी 24 प्रतिशत बढ़कर 15,808 करोड़ रुपये रही, जो एक साल पहले 12,764 करोड़ रुपये थी। ब्याज से मिलने वाली आय में भी उछाल देखा गया, जो 11,201 करोड़ रुपये से बढ़कर 13,824 करोड़ रुपये हो गई।
कंसोलिडेटेड आधार पर कंपनी का शुद्ध मुनाफा 19 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 4,546 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की समान तिमाही में 3,825 करोड़ रुपये था। इसके अलावा, 31 मार्च, 2025 तक कंपनी की कुल प्रबंधनाधीन संपत्ति (एयूएम) 26 प्रतिशत बढ़कर 4,16,661 करोड़ रुपये हो गई। यह कंपनी की मजबूत वित्तीय स्थिति और कारोबारी विस्तार को दर्शाता है।
बजाज फाइनेंस ने अपनी गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (NPA) को नियंत्रित रखने में भी सफलता हासिल की। 31 मार्च, 2025 तक सकल NPA 0.96 प्रतिशत और शुद्ध NPA 0.44 प्रतिशत रहा, जो कंपनी की मजबूती को दिखाता है। कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर ने 2024-25 के लिए 2 रुपये अंकित मूल्य वाले प्रत्येक शेयर पर 44 रुपये का अंतिम लाभांश देने की सिफारिश की है।
इसके साथ ही, कंपनी ने शेयरधारकों को कुछ सौगात देने के लिए कई बड़े फैसले लिए। बोर्ड ने 2 रुपये अंकित मूल्य वाले प्रत्येक शेयर को 1 रुपये अंकित मूल्य के दो शेयरों में विभाजित करने को मंजूरी दी। साथ ही, 4:1 के अनुपात में बोनस शेयर देने का भी ऐलान किया, यानी प्रत्येक 1 रुपये के शेयर पर 4 बोनस शेयर मिलेंगे।
कंपनी ने इस तिमाही में इनकम टैक्स से संबंधित कुछ मामलों की समीक्षा की और अलग-अलग कोर्ट व ट्रिब्यूनलों के अनुकूल फैसलों के आधार पर 348 करोड़ रुपये की टैक्स देनदारी को कम किया। इसमें पिछले वर्षों के लिए 249 करोड़ रुपये की कर राशि उलटना और चालू वर्ष के लिए 99 करोड़ रुपये की टैक्स कटौती शामिल है।