Wipro Q2 Results: देश की चौथी सबसे बड़ी आईटी कंपनी विप्रो (Wipro Profit) ने चालू वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही के नतीजों का बुधवार को ऐलान कर दिया। आईटी दिग्गज ने 30 सितंबर, 2023-24 को समाप्त तिमाही में 2650 करोड़ रुपये का कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट कमाया है।
विप्रो (Wipro Q2 Result) ने बुधवार को बीएसई फाईलिंग में बताया कि एक साल पहले की इसी तिमाही में कंपनी ने 2,649.1 करोड़ रुपये का कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट कमाया था।
हालांकि, कंपनी ने मुनाफे में सालाना आधार पर 0.68 प्रतिशत की मामूली वृद्धि हुई है। वहीं, इससे पिछली यानी अप्रैल-जून 2023-24 तिमाही में आईटी कंपनी का नेट प्रॉफिट 2,886 करोड़ रुपये था।
दूसरी तिमाही में रेवेन्यू 1.38 प्रतिशत घटा
इसके अलावा विप्रो (Wipro Q2 Revenue) का ऑपरेशंस से रेवेन्यू चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 1.38 प्रतिशत की गिरावट के साथ 22,515.9 करोड़ रुपये पर आ गया। जबकि एक साल पहले की इसी अवधि में 22,539.7 करोड़ रुपये था। वहीं, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यह 22,831 करोड़ रुपये था।
बैंक की नेट इंटरेस्ट इनकम बढ़ी
बैंक की नेट इंटरेस्ट इनकम चालू वित्त वर्ष की सितम्बर तिमाही में बढ़कर 2,443 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। वित्त वर्ष 2022-23 की इसी तिमाही में यह 2,193 करोड़ रुपये थी।
एसेट क्वालिटी के मोर्चे पर बैंक ने गिरावट की सूचना दी है। बैंक का ग्रॉस नॉन-परफार्मिंग एसेट (Bandhan Bank NPA) सितंबर 2023 के अंत में ग्रॉस एडवांस का 7.32 प्रतिशत हो गया, जो 2022-23 की दूसरी तिमाही के अंत तक 7.19 प्रतिशत था।
इसी तरह बैंक का नेट एनपीए या ख़राब ऋण भी बीती तिमाही में सालाना आधार पर बढ़कर 2.32 प्रतिशत हो गया। एक साल पहले की इसी तिमाही में यह 1.86 प्रतिशत था।
नेट इंटरेस्ट मार्जिन में सुधार
हालांकि, प्रावधान (टैक्स के अलावा) और कंटिंगेंसिस एक साल पहले समान तिमाही में 1,280 करोड़ रुपये से घटकर 636 करोड़ रुपये हो गईं। साथ ही बैंक का नेट इंटरेस्ट मार्जिन वित्त वर्ष 2023-24 की सितम्बर तिमाही में सुधरकर 7.2 प्रतिशत हो गया, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 7 प्रतिशत था।
विप्रो के सीईओ ने क्या कहा?
विप्रो के सीईओ थिएरी डेलापोर्टे (Wipro Ceo) ने कहा, “कारोबारी माहौल अनिश्चित रहा है। महंगाई और ब्याज दरें ऊंची बनी हुई हैं। ग्राहक अपने निवेश पर ज्यादा सख्ती से नजर रख रहे हैं और वे मौजूदा निवेश के हिसाब से नए पर तेजी से रिटर्न पर ज्यादा ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। ”
बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं और बीमा, विनिर्माण और कंज्यूमर समेत शीर्ष योगदान देने वाले विप्रो के अन्य कारोबारों में भी गिरावट आई है।