भारत की सबसे बड़ी IT सेवा कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने घोषणा की है कि वह अपनी वैश्विक कार्यबल का करीब 2 प्रतिशत (लगभग 12,260 कर्मचारी) कम करेगी। यह फैसला कंपनी की AI-संचालित ट्रांसफॉर्मेशन और ‘फ्यूचर-रेडी’ संगठन बनने की दिशा में उठाया गया है।
TCS ने यह कदम ‘Project Fluidity’ नामक पहल के तहत उठाया है, जिसके अंतर्गत मध्य और वरिष्ठ स्तर के प्रबंधकों को उनके प्रदर्शन के आधार पर बेंच पर रखा जाएगा और प्रदर्शन संतोषजनक न पाए जाने पर संगठन से मुक्त किया जा सकता है।
कंपनी ने अपने बयान में कहा, “TCS एक फ्यूचर-रेडी संगठन बनने की दिशा में अग्रसर है। इसमें नई तकनीकों में निवेश, नए बाजारों में प्रवेश, हमारे ग्राहकों और खुद के लिए AI को बड़े पैमाने पर लागू करना, साझेदारियों को गहराई देना, अगली पीढ़ी के इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण और वर्कफोर्स मॉडल का पुनर्गठन शामिल है।”
यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती, भूराजनीतिक तनाव, टैरिफ को लेकर चिंताएं और उत्तरी अमेरिका में मांग में गिरावट जैसी चुनौतियों का सामना भारतीय IT कंपनियां कर रही हैं। इसके साथ ही, जनरेटिव AI और एजेंटिक AI जैसी तकनीकों के चलते कम संसाधनों में अधिक उत्पादकता की अपेक्षा ने पारंपरिक कार्यबल ढांचे को चुनौती दी है।
TCS ने स्पष्ट किया है कि इस बदलाव के दौरान कंपनी री-स्किलिंग और पुनर्नियोजन (reskilling & redeployment) पर भी काम कर रही है ताकि अधिक से अधिक कर्मचारियों को भविष्य के लिए तैयार किया जा सके।
बयान में कहा गया, “हम ऐसे सहयोगियों को संगठन से मुक्त कर रहे हैं जिनका पुनर्नियोजन संभव नहीं हो पा रहा है। यह छंटनी मुख्य रूप से मध्य और वरिष्ठ स्तर के कर्मचारियों को प्रभावित करेगी और इसे वर्ष भर में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। कंपनी ने आश्वासन दिया है कि इससे हमारे क्लाइंट्स को दी जाने वाली सेवाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।”
वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के अंत तक TCS में कुल 613,069 कर्मचारी कार्यरत थे। ऐसे में 2% की कटौती का मतलब है कि लगभग 12,260 कर्मचारी इस छंटनी से प्रभावित होंगे।