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RIL नहीं, सीधा अंबानी परिवार ने लगाए पैसे! आखिर ₹10,000 करोड़ Jio Financial में क्यों झोंके जा रहे हैं?

अंबानी परिवार का ₹10,000 करोड़ का सीधा निवेश Jio Financial को नई उड़ान देने की तैयारी में, Reliance को क्यों रखा गया दूर? जानिए पूरी रणनीति।

Last Updated- July 31, 2025 | 8:42 AM IST
RIL Mukesh Ambani russian Oil

मुकेश अंबानी के नेतृत्व में अंबानी परिवार अब सीधे ₹10,000 करोड़ का निवेश Jio Financial Services Ltd में करने जा रहा है। यह निवेश Reliance Industries की तरफ से नहीं किया जा रहा, बल्कि खुद प्रमोटर यानी अंबानी परिवार की प्राइवेट कंपनियों के ज़रिए होगा। Business Standard की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह निवेश Reliance की बैलेंस शीट से अलग रखा गया है ताकि Jio Financial को स्वतंत्र रूप से काम करने की छूट मिल सके।

Reliance और अंबानी परिवार: क्या है फर्क?

यह समझना जरूरी है कि Reliance Industries Ltd (RIL) और अंबानी परिवार एक ही नहीं हैं। RIL एक बड़ी पब्लिक लिमिटेड कंपनी है, जिसमें अंबानी परिवार की लगभग 50.39% हिस्सेदारी है। अंबानी परिवार Reliance Industries में अपनी हिस्सेदारी सीधे अपने नाम से नहीं, बल्कि कई प्रमोटर कंपनियों जैसे Devarshi Commercials LLP और Tattvam Enterprises LLP के ज़रिए रखता है। हालांकि Jio Financial Services कभी Reliance का ही हिस्सा थी, लेकिन अब यह उससे पूरी तरह अलग हो चुकी है। अगस्त 2023 में इसे Reliance से अलग कर दिया गया और शेयर बाजार में इसकी अलग से लिस्टिंग हुई। इस डिमर्जर के तहत Reliance के हर शेयरधारक को Jio Financial का एक-एक शेयर उसी अनुपात (1:1) में दिया गया।

Jio Financial अब क्या कर रही है?

Jio Financial एक नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (NBFC) है, जिसे RBI ने Core Investment Company (CIC) के तौर पर मंजूरी दी है। इसका काम अब उपभोक्ता लोन, इंश्योरेंस, डिजिटल पेमेंट और फिनटेक साझेदारियों तक फैल गया है। कंपनी पूरी तरह से स्वतंत्र रूप से काम कर रही है, और Reliance Industries का इसके रोज़मर्रा के कामकाज में कोई दखल नहीं है। वर्तमान में अंबानी परिवार की Jio Financial में करीब 47.12% हिस्सेदारी है, जो नए निवेश के बाद 51% से ऊपर जा सकती है।

Reliance नहीं कर रही निवेश, क्यों?

विशेषज्ञों का मानना है कि Reliance Industries की बैलेंस शीट पर जोखिम बढ़ाने के बजाय अंबानी परिवार ने खुद पैसा लगाने का रास्ता चुना है। जानकार अमरीश बालिगा का कहना है कि Jio Financial को स्वतंत्र रखकर उसे फुर्ती से काम करने और नई पार्टनरशिप्स करने की आज़ादी मिलती है। साथ ही, अगर भविष्य में फाइनेंस बिज़नेस में कोई जोखिम या घाटा होता है, तो उसका असर Reliance पर नहीं पड़ेगा।

बालिगा के अनुसार, अंबानी परिवार ने Jio Financial को ग्लोबल स्तर पर भी मजबूत बनाने की तैयारी की है। उन्होंने बताया कि ब्लैकरॉक जैसी बड़ी अंतरराष्ट्रीय कंपनी को साझेदार बनाना किसी और के लिए आसान नहीं होता, लेकिन अंबानी परिवार के प्रभाव और नेटवर्क की वजह से यह संभव हुआ। उन्होंने इसे ‘बैकयार्ड एडवांटेज’ कहा – यानी घर की ही कंपनी में बड़ा मौका देखना और उसमें पैसा लगाना।

फायदा किसे होगा?

अगर Jio Financial आगे चलकर लोन, बीमा और वेल्थ मैनेजमेंट जैसे क्षेत्रों में सफल होती है, तो इससे सीधे तौर पर अंबानी परिवार को फायदा होगा, ना कि Reliance के अन्य शेयरधारकों को। इसी वजह से यह निवेश परिवार के स्तर पर किया जा रहा है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम उसी तरह है जैसे पूनावाला परिवार ने Magma Fincorp को खरीदा और अब वह Poonawalla Fincorp के नाम से चल रही है।

फंड जुटाने की तैयारी

Jio Financial Services का बोर्ड जल्द ही मीटिंग कर नए फंड जुटाने के विकल्पों पर विचार करेगा। इसमें राइट्स इश्यू, प्रेफरेंशियल अलॉटमेंट या QIP जैसे विकल्प हो सकते हैं। शेयरों की कीमत ₹320–₹325 प्रति शेयर तय हो सकती है, जो मंगलवार के बाजार मूल्य के करीब है। इससे कंपनी का कुल मूल्यांकन ₹2.03 लाख करोड़ बैठता है।

Jio Financial की विस्तार योजनाएं

Jio Financial Services कई यूनिट्स में बंटी है – जैसे कि Jio Credit, Jio Insurance Broking, Jio Payments Bank, Jio Leasing Services और Jio Finance Platform. हाल ही में कंपनी ने जर्मनी की Allianz Group के साथ 50:50 के अनुपात में बीमा का संयुक्त उद्यम (Joint Venture) किया है। इसके अलावा अमेरिका की कंपनी BlackRock के साथ भी एक फंड लॉन्च किया गया है, जिसमें पहले ही ₹17,500 करोड़ निवेश के रूप में आ चुके हैं।

First Published - July 31, 2025 | 8:27 AM IST

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