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हम भारत के एआई सफर में भागीदार बनना चाहेंगे: इरीना घोष

माइक्रोसॉफ्ट सिक्योर फीचर पहल ऐसी प्रौद्योगिकियां तैयार करने के लिए शुरू की गई हैं जो सभी परिचालन के लिहाज से सुरक्षित हैं।

Last Updated- October 30, 2024 | 10:27 PM IST
artificial intelligence

पिछले साल माइक्रोसॉफ्ट ने साइबर सुरक्षा बढ़ाने के प्रयास में सिक्योर फ्यूचर इनीशिएटिव (एसएफआई) शुरू की थी। माइक्रोसॉफ्ट इंडिया ऐंड साउथ एशिया की प्रबंध निदेशक इरीना घोष ने शिवानी शिंदे को वीडियो कॉल पर बताया कि किस तरह से भारतीय उद्यम साइबर सुरक्षा पर जोर दे रहे हैं। अक्टूबर साइबर सुरक्षा जागरूकता का महीना भी है। उन्होंने बताया कि नए साल में माइक्रोसॉफ्ट का एआई पर ध्यान बरकरार रहेगा। बातचीत के मुख्य अंश:

माइक्रोसॉफ्ट ने पिछले साल एसएफआई शुरू किया था। भारत में इसने कितनी प्रगति की है?

एआई के दौर में साइबर सुरक्षा परिदृश्य तेजी से बदल रहा है। जहां एआई की परिवर्तनकारी शक्ति नई पीढ़ी के टूल्स, रणनीतियों, नए अवसरों को नया रूप दे रही है, वहीं खतरे भी उतने ही तेजी से बढ़ रहे हैं।

माइक्रोसॉफ्ट सिक्योर फीचर पहल ऐसी प्रौद्योगिकियां तैयार करने के लिए शुरू की गई हैं जो सभी परिचालन के लिहाज से सुरक्षित हैं। जब हमने पिछले साल इसे शुरू किया था तो इसका मकसद स्वयं के साथ साथ ग्राहकों और उद्योग को सुरक्षित बनाना था। यह इतिहास में सबसे बड़ा साइबर सिक्योरिटी इंजीनियरिंग प्रयास है।

सिक्योरिटी में आप एआई/जेनएआई का इस्तेमाल कैसे कर रहे हैं और परिचालन पर इसका क्या असर पड़ा है?

वर्ष 2023 में हमने अपने फर्स्ट पार्टी उत्पादों में एआई संभावना को पेश किया। यह एक तेजी से उभरता सॉल्युशन है जिससे कंपनियों को किसी साइबर हमले के खिलाफ स्वयं को मजबूत बनाने में मदद मिलती है। इस साल अप्रैल में हमने डिफेंडर्स को तेज कार्य करने और सुरक्षा के लिए कोपायलॉट की सामान्य उपलब्धता सुनिश्चित करने का एक और कदम उठाया।

माइक्रोसॉफ्ट भारत में जेनएआई के इस्तेमाल को किस नजरिये से देख रही है?

देश की जटिलता और बहुभाषीय परिवेश उसे एक बड़ा परीक्षण स्थल और आदर्श परीक्षण परिदृश्य बनाता है जहां हमारे कई नवाचारों को पहले आजमाने के लिए रखा जा रहा है और फिर हम उन्हें दुनिया के बाकी हिस्सों में लागू कर रहे हैं। इनमें से बहुत सी चीजें पूरे उद्योग, शिक्षा और उद्यम के नेतृत्व में किफायती नवाचारों से की जा रही हैं।

उदाहरण के लिए हमने शंकर आई हॉस्पिटल की भागीदारी में कैटेरेक बॉट बनाया है जहां हर साल मोतियाबिंद के लाखों ऑपरेशन होते हैं। हालांकि, इन रोगियों की देखभाल एक ऐसी चीज है जिसमें हर रोगी को जूझना पड़ता है और हर डॉक्टर इसमें अपना योगदान देना चाहता है, लेकिन ऐसा नहीं कर पाता।.

2025 में भारत में माइक्रोसॉफ्ट के तीन बड़े फोकस क्या रहेंगे?

पहला, यह सुनिश्चित करना होगा कि हम सुरक्षा के साथ एआई क्षेत्र में अग्रणी रहें और हम जो कुछ भी कर रहे हैं उसमें हरेक में एआई भी बनाएं। दूसरा कौशल बढ़ाना है। तीसरा, भारत ऐसी राह पर है जिसमें हम पूरी आबादी को डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर से जोड़ रहे हैं। हम निश्चित तौर पर भारत के एआई सफर में को-पायलट बनना चाहेंगे।

क्राउडस्ट्राइक घटना के बाद ऐसे मामले सामने आए हैं जहां कंपनियां क्लाउड से दूर जाने और अपने आईटी सिस्टम पर लौटने की बात कर रही हैं। इस बारे में आपकी क्या राय है?

इस घटना ने मिशन क्रिटिकल रेसिलेंसी की जरूरत को स्पष्ट किया जिसे प्रत्येक संगठन बनाता है और हमने एक प्लेटफॉर्म भागीदार या किसी भी हाइपरस्केलर के रूप में किसी भी तरह के परिवर्तन का समर्थन करने की क्षमता का निर्माण किया है। इसकी ही जरूरत है और हमने यही किया है। यह घटना व्यापक तंत्र की आपस में जुड़ी प्रकृति को दर्शाती है।

First Published - October 30, 2024 | 10:13 PM IST

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