आईआईएफएल फाइनैंस (IIFL Finance) के प्रबंध निदेशक निर्मल जैन ने मनोजित साहा के साथ बातचीत में कहा कि आरबीआई द्वारा दर वृद्धि पर लगाम लगाने से चालू वित्त वर्ष में ऋण वितरण में तेजी आएगी। पेश हैं उनसे हुई बातचीत के मुख्य अंश:
कम से कम एक साल से ब्याज दरें ऊंचे स्तर पर बनी हुई हैं। ऐसे में वित्त वर्ष 2024 में ऋण वितरण की रफ्तार कैसी रह सकती है?
मेरा मानना है कि ऋण वितरण वित्त वर्ष 2024 में सुधरेगा, क्योंकि दर वृद्धि थम चुकी है। दरें नहीं बढ़ना इस संबंध में अच्छी खबर है। इसके अलावा अर्थव्यवस्था में तेज वृद्धि से भी मदद मिली है और आपने जीडीपी के आंकड़े भी देखे हैं। मेरा मानना है कि परिवेश सकारात्मक है और तरलता फिर से अनुकूल हो गई है। इसलिए मुझे ऋण उठाव वित्त वर्ष 2024 में मजबूत रहने का अनुमान है और किफायती आवासीय खंड के साथ अन्य सेगमेंटों में शायद यह वित्त वर्ष 2023 की तुलना में बेहतर रह सकता है।
वित्त वर्ष 2023 में, आईआईएफएल फाइनैंस की कुल एयूएम वृद्धि करीब 26 प्रतिशत थी, क्या आपको वित्त वर्ष 2024 में इसमें सुधार की उम्मीद है?
मेरा मानना है कि यह वृद्धि काफी हद तक समान रहेगी। 25-26 प्रतिशत काफी अच्छी वृद्धि है। लेकिन यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि ऋण की गुणवत्ता और मार्जिन के साथ समझौता नहीं किया जाना चाहिए।
आईआईएफएल फाइनैंस को-लेंडिंग पर ध्यान दे रही है। पिछले साल यह व्यवसाय 166 प्रतिशत बढ़कर करीब 7,500 करोड़ रुपये पर पहुंच गया था। चालू वित्त वर्ष में प्रदर्शन कैसा रहने का अनुमान है?
को-लेंडिंग एक नई अवधारणा है और न्यून आधार को देखते हुए इसमें 166 प्रतिशत वृद्धि महत्वपूर्ण है। वास्तविकता यह है कि को-लेंडिंग में तेजी आएगी और ज्यादातर बैंक इसे लेकर उत्साहित हैं। लेकिन, अभी भी प्रक्रिया समेकन, तकनीकी समेकन बेहद लंबी और जटिल प्रक्रियाएं हैं। सभी बैंक प्राथमिक क्षेत्र और खुदरा ऋण परिसंपत्तियों के लिए को-लेंडिंग के लिए उत्साहित हैं, और हम 35,000 से ज्यादा लोगों के साथ अपने ब्रांड और कर्मियों के साथ आगे बढ़ने के लिए बेहद मजबूत हालत में हैं।
क्या जोखिम आकलन पूरी तरह बैंकों द्वारा किया गया है?
को-लेंडिंग जोखिम आकलन बैंकों और एनबीएफसी, दोनों द्वारा किया गया है।
आपने दो साल में शाखा नेटवर्क का तेजी से विस्तार किया है। इसलिए, क्या आप मानते हैं कि शाखाओं की संख्या महत्वपूर्ण स्तर पर पहुंच गई है और अब भविष्य में इतने तेज विस्तार की जरूरत नहीं पड़ सकती है?
शाखाओं के विस्तार की संभावना बनी हुई है और हमें अभी और नई शाखाएं खोलनी हैं। लेकिन नई शाखाओं की संख्या (पिछले दो साल में एक हजार से भी ज्यादा) में बहुत ज्यादा इजाफा करने की योजना नहीं है। मौजूदा समय में शाखा विस्तार में नरमी आई है।
आईआईएफएल फाइनैंस को बैंक, बड़े बैंक या लघु वित्त बैंक में तब्दील करने के बारे में आपका क्या नजरिया है? आप किस तरह के बिजनेस मॉडल की संभावना तलाश रहे हैं?
मौजूदा समय में, हम इस पर विचार नहीं कर रहे हैं। हम सिर्फ आगे बढ़ने और एनबीएफसी के तौर पर अपने बिजनेस मॉडल को मजबूत बनाने पर जोर दे रहे हैं। हम डिजिटल बैंक के लिए दिशा-निर्देशों का भी इंतजार कर रहे हैं। इस बारे में नीति आयोग ने चर्चा पत्र जारी किया है और आरबीआई को आकलन के लिए इस पर खासतौर पर ध्यान देना चाहिए।