ऐसे समय में जब भारतीय स्टार्टअप कंपनियों के बीच इक्विटी से रकम जुटाने में कमी आई है, परिसंपत्ति वर्ग के रूप में वेंचर ऋण साल 2023 में लगातार बढ़ते हुए एक अरब डॉलर का आंकड़ा पार कर गया है।
वैकल्पिक ऋण प्रदाता स्ट्राइड वेंचर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार भारतीय स्टार्टअप कंपनियों ने पिछले साल लगभग 175 से 190 सौदों में वेंचर ऋण निवेश में 1.2 अरब डॉलर जुटाए, जो साल 2022 में 170 से 180 सौदों में जुटाए गए 80 करोड़ डॉलर की तुलना में 50 प्रतिशत अधिक है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बीच इक्विटी फंडिंग साल 2022 के 25.7 अरब डॉलर के मुकाबले तकरीबन 70 प्रतिशत गिरकर साल 2023 में केवल आठ अरब डॉलर रह गई है।
स्ट्राइड वेंचर्स की प्रबंध निदेशक अपूर्वा शर्मा ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि पिछले साल सौदे ज्यादा छोटे हो गए। साल 2023 में औसत राशि का आकार पहले के लगभग 60 लाख डॉलर से घटकर 40 लाख डॉलर रह गया। हालांकि सौदों की संख्या में वृद्धि हुई है तथा निवेश की कुल मात्रा में इजाफा हुआ है।
अलबत्ता ध्यान देने वाली बात यह है कि एक श्रेणी के रूप में वेंचर ऋण इक्विटी फंडिंग की तुलना में काफी छोटा है। भारतीय स्टार्टअप जगत में एक हालिया घटना यह हुई है कि इसने अपेक्षाकृत छोटे आधार के कारण मजबूत वृद्धि दर्ज की है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2023 में ज्यादातर डेट फंडिंग फिनटेक क्षेत्र में हुई है, जबकि उपभोक्ता क्षेत्र में सबसे ज्यादा सौदे नजर आए हैं। डेट फाइनैंसिंग की बढ़ती मांग ने स्ट्राइड वेंचर्स जैसी कंपनियों को अपना निवेश बढ़ाने की अनुमति प्रदान की है।
शर्मा ने कहा ‘यह हमारे लिए एक अच्छा साल रहा। हमने साल 2023 में 110 सौदे किए, जिससे हम उद्योग में सबसे सक्रिय वेंचर ऋण कंपनी बन गए। हमने पिछले कैलेंडर वर्ष की तुलना में ज्यादा आवंटन किया है। वर्तमान में हमारे पोर्टफोलियो में 135 कंपनियां हैं।’ आमतौर पर ऐसे अधिक जोखिम-प्रतिकूल संपत्ति वर्ग, जिनसे वेंचर ऋण कंपनियां दूर भागती हैं, वे क्षेत्र होते हैं, जिनमें नियामकीय अनिश्चितता होती है।
उन्होंने कहा ‘हम ऐसे सभी उद्योगों से दूर रहते हैं, जिन पर नियामकीय दबाव होता है। हमारा अधिकांश निवेश उपभोक्ता, वित्तीय सेवाओं, बी2बी और यहां तक कि ईवी जैसे क्षेत्रों में है। वेब3, ब्लॉकचेन, एआई, रियल-मनी गेमिंग जैसे उभरते क्षेत्रों में हमारा कोई निवेश नहीं है, क्योंकि ऋण साधन के रूप में हमारा रिटर्न सीमित होता है। हम वीसी नहीं हैं।’