इस साल मई में यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री तो मई, 2022 के मुकाबले 4 फीसदी बढ़ गई मगर डीलरों का कहना है कि उनके पास इतने वाहन इकट्ठे हो गए हैं, जिन्हें बेचने में ही 40-45 दिन लग जाएंगे। इसलिए डीलरों ने कार कंपनियों से बातचीत शुरू कर दी है ताकि उन मॉडलों का उत्पादन ज्यादा हो, जिनकी मांग भी ज्यादा है।
वाहन डीलरों के संगठन फाडा के अध्यक्ष मनीष राज सिंघानिया ने कहा, ‘हो सकता है कि इसके कारण मूल उपकरण निर्माताओं (OEM) का माल कुछ महीनों तक कम बिके। मगर हमने इस मसले पर OEM से बातचीत शुरू कर दी है। चूंकि ब्याज दरें ज्यादा हैं, इसलिए 21 दिन से ज्यादा के स्टॉक या इन्वेंट्री से डीलर की परेशानी बढ़ जाती हैं।’
फाडा के आंकड़ों के अनुसार यात्री वाहनों के लिए इन्वेंट्री लगातार बढ़ती जा रही है। मार्च में उनके पास 37 से 39 दिन की बिक्री के लिए पर्याप्त वाहन खड़े थे मगर अप्रैल में इन्वेंट्री बढ़कर 39 से 41 दिन और मई में 40 से 45 दिन हो गई। यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री 8 महीने तक बढ़ने के बाद अप्रैल में साल भर पहले के मुकाबले 1 फीसदी घट गई थी।
सिंघानिया ने बताया कि यात्री वाहनों का स्टॉक लगातार बढ़ना चिंता की बात है। उन्होंने कहा, ‘यह वक्त अच्छा भी है और खराब भी है। डीलरों के पास कुछ मॉडलों की इतनी अधिक बुकिंग है कि ग्राहकों को गाड़ी के लिए दो महीने से साल भर तक इंतजार करना पड़ रहा है। वहीं कुछ मॉडल इतने कम बिक रहे हैं कि डीलरों के पास उनकी भीड़ जमा हो गई है। इसलिए ग्राहकों को सही समय पर सही वाहन मिल ही नहीं पा रहा।’
सिंघानिया ने कहा कि कुछ मॉडलों (खासकर SUV) की जबरदस्त मांग है, इसलिए दूसरे मॉडलों की कमजोर बिक्री की कुछ हद तक भरपाई हो जाती है। मगर इन्वेंट्री बढ़ने से आगे चलकर आपूर्ति श्रृंखला बिगड़ सकती है और डीलरों को भी परेशानी हो सकती है।
देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजूकी भी मानती है कि इन्वेंट्री बढ़ रही है। कंपनी के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी (सेल्स एवं मार्केटिंग) शशांक श्रीवास्तव ने कहा कि हाल के महीनों में इन्वेंट्री बढ़ गई है। 1 अप्रैल को डीलरों के पास 2.04 लाख वाहन पड़े थे, जिनकी संख्या 1 मई को बढ़कर 2.50 लाख और 1 जून को 2.62 लाख वाहन हो गई। उन्होंने कहा कि खुदरा बिक्री के मुकाबले थोक बिक्री ज्यादा होने से इन्वेंट्री बढ़ी है। मगर उन्होंने कहा कि किसी भी मॉडल की 45 दिन से ज्यादा की इन्वेंट्री नहीं है।
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श्रीवास्तव ने यह भी कहा, ‘उद्योग में औसतन 30 दिन से कम की इन्वेंट्री होगी। हो सकता है कि कुछ मॉडलों की 40 दिन से ज्यादा की इन्वेंट्री हो क्योंकि हर महीने औसतन 3.20 लाख कार ही बिकती हैं।’
मारुति सुजूकी के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी रखरखाव के लिए जून में 10 दिन उत्पादन बंद रखती है। ऐसे में इन्वेंट्री बनाए रखने के लिए मई में ज्यादा गाड़ियां देनी पड़ती हैं।
मारुति, होंडा समेत कई कंपनियों की कार बेचने वाले एक डीलर ने कहा कि मारुति के वाहनों की इन्वेंट्री ज्यादा है मगर नेक्सा श्रेणी के वाहनों की इन्वेंट्री 30 दिनों से भी कम की है। उन्होंने कहा कि होंडा की इन्वेंट्री भी बढ़ रही है। उन्होंने कहा, ‘इन्वेंट्री 30 दिन से ऊपर की हो जाए तो कंपनियां ब्याज पर होने वाले डीलरों के खर्च की भरपाई के लिए कुछ योजनाएं शुरू करती हैं। ऐसा पिछले 4-5 महीनों से हो रहा है।’
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टाटा मोटर्स के डीलर ने भी पुष्टि की है कि पिछले दो महीनों के दौरान नेक्सन जैसे लोकप्रिय मॉडलों की दमदार बिक्री के बावजूद इन्वेंट्री बढ़ी है।
इनसेट
मई में वाहनों की खुदरा बिक्री में एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 10 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। महीने के दौरान दोपहिया वाहनों की बिक्री में 9 फीसदी और तिपहिया वाहनों की बिक्री में 79 फीसदी की वृद्धि हुई। इस दौरान यात्री वाहनों की बिक्री में 4 फीसदी, ट्रैक्टरों की बिक्री में 10 फीसदी और वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में 7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।