वेदांत रिसोर्सेज ने बुधवार को कहा कि कंपनी ने बाजार की चिंताओं को दूर करने के लिए ऋण में काफी कमी की है। पिछले हफ्ते एसऐंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने सितंबर के बाद वित्तीय दायित्वों को पूरा करने की कंपनी की क्षमता को लेकर संदेह जताया।
अरबपति अनिल अग्रवाल के स्वामित्व वाली कंपनी ने कहा कि उसने पिछले 11 महीनों में अपने लक्ष्य से पहले शुद्ध ऋण में करीब 2 अरब डॉलर की कटौती की है। एसऐंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने 8 फरवरी को कहा कि कंपनी को सितंबर तक अपने कर्ज से जुड़े उत्तरदायित्वों को पूरा करना था लेकिन ज्यादा नकद पूंजी मूल रूप से फंड जुटाने की क्षमता और वेदांता लिमिटेड द्वारा हिंदुस्तान जिंक को अंतरराष्ट्रीय जिंक परिसंपत्तियों की प्रस्तावित बिक्री पर निर्भर होगी। वेदांता रिसोर्सेज ने बुधवार को कहा कि मजबूत घरेलू खपत से उसकी नकदी में तेजी आई है और उसकी सहयोगी कंपनियों द्वारा सेमीकंडक्टर, डिस्प्ले ग्लास, अक्षय उर्जा, ऑप्टिकल फाइबर और ट्रांसमिशन में निवेश से वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।
लंदन की इस कंपनी ने यह भी कहा कि वह वित्त वर्ष 2024 के लिए अपनी नकदी की जरूरतों को पूरा करने के लिए 50 फीसदी आंतरिक रूप से कवर करने की योजना बना रही है और बाकी की भरपाई दोबारा फंडिंग के माध्यम से की जाएगी।
वेदांत रिसोर्सेज का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत के अदाणी समूह को एक अमेरिकी शोध कंपनी की रिपोर्ट के चलते गिरावट से जूझना पड़ रहा है और जिसने अपने बाजार मूल्य से 120 अरब डॉलर गंवा दिए हैं।
जिंक, सिल्वर और एल्युमीनियम और कच्चे तेल निकालने के काम से जुड़ी कंपनी, वेदांता लिमिटेड के मुनाफे में जनवरी महीने में तीसरी तिमाही में 41 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। एसऐंडपी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अगर आने वाले हफ्तों में दो अरब डॉलर जुटाने और परिसंपत्तियों की बिक्री में प्रगति नहीं दिखती है तब वेदांता रिसोर्सेज से जुड़ी उसकी रेटिंग पर तत्काल दबाव पड़ेगा।