खनन क्षेत्र (mining sector) की दिग्गज कंपनी वेदांता ग्रुप (Vedanta Group) की निकट भविष्य में 10 अरब अमेरिकी डॉलर की कर पूर्व आय (EBITDA/एबिटा) हासिल करना चाहती है। कंपनी के इस लक्ष्य को 50 से ज्यादा उच्च प्रभाव वाली वृद्धि परियोजनाओं (high-impact growth projects) के सही समय पर क्रियान्वयन से बल मिलेगा। यह जानकारी PTI ने दी।
PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, वेदांता के हाई इंपैक्ट ग्रोथ प्रोजेक्ट्स में जस्ता (zinc), एल्युमीनियम, ऑयल ऐंड गैस और बिजली कारोबार शामिल हैं। वेदांता समूह द्वारा आयोजित ‘साइट विजिट’ पर आए 45 से अधिक फंड मैनेजरों और एनालिस्ट के सामने प्रस्तुत की गई ‘पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन’ के अनुसार ये परियोजनाएं पूरी होने के अग्रिम चरण में हैं।
इस प्रेजेंटेशन के अनुसार वेदांता ग्रुप इन मौजूदा ग्रोथ प्रोजेक्ट्स में करीब आठ अरब डॉलर निवेश कर रहा है।
कंपनी ने व्यवसायों के वर्टिकल स्प्लिट का प्रस्ताव दिया है और इस साल के अंत तक सभी रेगुलेटरी अप्रूवल प्राप्त करने के बाद कंपनी स्टॉक एक्सचेंजों पर पांच अतिरिक्त एंटिटीज को लिस्ट करेगी। योजना के मुताबिक, वेदांता लिमिटेड के प्रत्येक शेयर के लिए, मौजूदा शेयरहोल्डर्स को अतिरिक्त रूप से पांच नई लिस्टेड कंपनियों का एक शेयर प्राप्त होगा।
डीमर्जर से एल्युमीनियम, बिजली, बेस मेटल, तेल और गैस और स्टील और लौह क्षेत्र में स्वतंत्र कंपनियां बन जाएंगी, जबकि जिंक और अन्य मौजूदा बिजनेस वेदांता लिमिटेड के पास रहेंगे।
कई प्रमुख ब्रोकरेज हाउसों ने इस पर फोकस किया है और कंपनी के लिए अपने टारगेट प्राइस को अपग्रेड किया है। नुवामा (Nuvama) ने अपनी रिपोर्ट में वेदांता के टारगेट प्राइस को 644 रुपये तक अपग्रेड करते हुए कहा कि वह परिचालन दक्षता (operational efficiency), कैप्टिव एल्यूमिना के कारण एल्यूमीनियम उत्पादन की कम लागत और एल्यूमीनियम और जस्ता के लिए हाई प्रीमियम को ध्यान में रखते हुए टारगेट प्राइस को 5-6 प्रतिशत तक बढ़ा रहे हैं।
CLSA ने अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा है कि एल्यूमिना रिफाइनरी क्षमता विस्तार, उच्च बिजली उत्पादन दक्षता, कोयला ब्लॉक और बॉक्साइट खदानों को चालू करने के माध्यम से प्रमुख लागत में कटौती जैसी लाभप्रदता सुधार पहल पुन: रेटिंग के लिए महत्वपूर्ण होगी।