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सरकार के साथ समझौते के उल्लंघन से वेदांत को बड़ा जोखिम : वायसराय रिसर्च

वेदांत का शेयर गुरुवार को 439 रुपये के ​स्थिर स्तर पर बंद हुआ, जबकि हिंदुस्तान जिंक का शेयर 0.5 प्रतिशत की गिरावट के साथ 422 रुपये पर बंद हुआ।

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देव चटर्जी   
Last Updated- July 10, 2025 | 10:25 PM IST

वेदांत और उसकी सहायक कंपनी हिंदुस्तान जिंक के शेयर का भाव गुरुवार को स्थिर रहने के बावजूद अमेरिका की फोरेंसिक अनुसंधान कंपनी वायसराय रिसर्च ने आरोप लगाया है कि भारत की सबसे बड़ी जिंक उत्पादक कंपनी हिंदुस्तान जिंक (एचजेडएल) को अपने प्रवर्तक को ब्रांड शुल्क के भुगतान और भारत सरकार के साथ समझौते की शर्तों का उल्लंघन करने के संबंध में गंभीर कानूनी और वित्तीय जोखिम का सामना करना पड़ रहा है।

बुधवार को प्रकाशित विस्तृत रिपोर्ट में वायसराय रिसर्च ने दावा किया है कि भारत में सूचीबद्ध वेदांत लिमिटेड ने अनुबंध के आधार पर अनिवार्य स्मेल्टर का निर्माण करने में विफल रहने के कारण सरकार के साथ अपने शेयरधारक समझौते की शर्तों का उल्लंघन किया है, जिससे संभावित रूप से पुट/कॉल विकल्प प्रणाली शुरू हो सकती है।

इस शर्त के तहत भारत सरकार या तो वेदांत लिमिटेड को हिंदुस्तान जिंक में उसकी 29.54 प्रतिशत हिस्सेदारी 50 प्रतिशत अ​धिक दर पर खरीदने के लिए बाध्य कर सकती है या फिर हिंदुस्तान जिंक में वेदांत की 64.92 प्रतिशत हिस्सेदारी 50 प्रतिशत छूट पर खरीदने के लिए। इस कदम से वेदांत के मूल्यांकन पर गहरा असर पड़ सकता है।

वेदांत का शेयर गुरुवार को 439 रुपये के ​स्थिर स्तर पर बंद हुआ, जबकि हिंदुस्तान जिंक का शेयर 0.5 प्रतिशत की गिरावट के साथ 422 रुपये पर बंद हुआ।

बुधवार को वेदांत ने वायसराय रिपोर्ट को ‘चुनिंदा गलत सूचनाओं और निराधार आरोपों का दुर्भावनापूर्ण संयोजन’ बताते हुए खारिज कर दिया था और इसे बाजार की प्रतिक्रिया से लाभ कमाने के उद्देश्य से किया गया ‘झूठा प्रचार’ बताया था।

वायसराय ने कहा, ‘इससे विनाशकारी, अघोषित वित्तीय जोखिम पैदा होता है।’ उसने अनुमान लगाया कि अगर भारत सरकार अ​धिक दर पर हिस्सेदारी की पुनर्खरीद लागू करती है, तो वेदांत के मामले में यह संभावित रूप से 10.66 अरब डॉलर की निकासी हो सकती है।

First Published : July 10, 2025 | 10:25 PM IST