facebookmetapixel
जेल में बंद JDU नेता अनंत सिंह मोकामा से 28,000 वोटों से जीते, RJD के वीणा देवी को हरायामहिला-EBC गठबंधन, विपक्षी एकता में कमी: बिहार चुनाव में NDA के शानदार प्रदर्शन के पीछे रहे ये पांच बड़े फैक्टरबिहार विधानसभा चुनाव 2025: यहां देखें विजेताओं की पूरी लिस्टदिल्ली के पॉश इलाकों में घर लेना और महंगा! इंडिपेंडेंट फ्लोर की कीमतों में जबरदस्त उछालBihar Assembly Elections 2025: नीतीश के पोस्टरों से पटा पटना, समर्थकों ने कहा-‘टाइगर जिंदा है’बिहार चुनाव में बड़ा झटका! प्रशांत किशोर की जन सुराज हर सीट पर पीछे- ECI रुझानों ने चौंकायाBihar Election Results: क्या NDA 2010 की ऐतिहासिक जीत को भी पीछे छोड़ने जा रही है?Bihar Election 2025: नतीजों पर सियासत गरमाई, जदयू ने कहा ‘नीतीश का करिश्मा’, विपक्ष बोला ‘निराशाजनक’19 साल की सत्ता का राज! हर चुनाव में क्या नई चाल चलते थे नीतीश कुमार?12 महीने में पैसा डबल! Q2 रिजल्ट के बाद कंज्यूमर स्टॉक पर ब्रोकरेज लट्टू, Q2 में 190% बढ़ा मुनाफा

गुजरात के आदिवासी विश्व पटल पर

Last Updated- December 07, 2022 | 1:43 AM IST

गुजरात के आदिवासी इनोवेटर अब वैश्विक पहचान कायम  करने  जा रहे हैं। हैदराबाद की  मैट्रिक बायोसाइंसेज कंपनी ने इन इनोवेटरों से 13 तकनीकों का अधिकार खरीदा है जिनमें से 6 तकनीकियां जड़ी-बूटी से तैयार कीटनाशकों और 7 तकनीकियां पशु चिकित्सा उत्पादों से संबद्ध हैं।


ये इनोवेटर सोसायटी फॉर रिसर्च ऐंड इनीशिएटिव्स फॉर सस्टेनेबल टेक्नोलॉजीज ऐंड इंस्टीटयूशंस (सृष्टि)-नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन (एनआईएफ) से जुड़े हुए हैं। कंपनी ने इन उत्पादों को अपने ब्रांड के तहत थाईलैंड, हांगकांग, इंडोनेशिया और फिलीपींस में जगह दिलाने की योजना बनाई है।

मैट्रिक्स बायोसाइंसेज के अध्यक्ष (तकनीकी) रमेश चौहान ने बताया, ‘करार के तहत ये उत्पाद हमारे ब्रांडों के साथ बाजार में उतारे गए हैं। इन उत्पादों के वाणिज्यीकरण के लिए कई गैर-सरकारी संगठनों ने हमसे संपर्क किया है लेकिन खास बात यह है कि हम सृष्टि का सम्मान कर रहे हैं जो वास्तव में इन इनोवेटरों के नाम को बढ़ावा देना चाहता है। उत्पादों की सभी बोतलों पर इनोवेटरों के नाम और तस्वीर लगाए गए हैं।’

इस करार के तहत बीमारियों को ठीक करने के लिए सात पशु चिकित्सा उत्पादों और 6 कीटनाशकों के अधिकार कंपनी को हस्तानांतरित कर दिए गए हैं। हर्बल उत्पादों सृष्टि कृषक, सृष्टि रक्षक, सृष्टि शास्त्र, सृष्टि शक्ति, सृष्टि प्रयास और सृष्टि सुरक्षा और कोक्सीडियोसिस, मैस्टीटिस, लैक्टोगोग डायरिया, घाव और सूजन जैसी बीमारियों को ठीक करने वाले सात उत्पादों का लाइसेंस कंपनी को हासिल हो गया है।

कोक्सीक्योर नामक उत्पाद कोक्सीडियोसिस बीमारी को नियंत्रित करता है। यह विशेष उत्पाद पक्षियों की बीमारियां दूर करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। वहीं कृषि कीटनाशक का प्रयोग फूलों एवं पौधों पर किया गया है।

सृष्टि के अध्यक्ष एवं इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ मैनेजमेंट-अहमदाबाद (आईआईएम-ए) के प्रोफेसर अनिल गुप्ता ने कहा, ‘बड़ी तादाद में इनोवेटर प्रतिदिन गु्रप लाइसेंसिंग के तहत हमसे जुड़ रहे हैं। ये हर्बल प्रौद्योगिकियां खेतिहर मजदूरों और आदिवासियों ने विकसित की हैं। इन श्रमिकों और आदिवासियों के पास पारंपरिक ज्ञान तो है, लेकिन लाभ के लिए इन प्रौद्योगिकियों को बाजार तक पहुंचाने का मंच इन्हें उपलब्ध नहीं है।’

एक गैर-सरकारी संगठन की ओर से आयोजित जैविक खाद्य महोत्सव के दौरान इन इनोवेटरों को कंपनी ने प्रतीक राशि के तौर पर 50,000 रुपये दिए। इसके अलावा बिक्री की 5 प्रतिशत राशि रॉयल्टी के तौर पर सृष्टि को दी गई है।

First Published - May 26, 2008 | 2:53 AM IST

संबंधित पोस्ट