प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विदेशी विनिमय प्रबंधन कानून (फेमा) के उल्लंघन की जांच के सिलसिले में एमेजॉन इंडिया और फ्यूचर समूह के वरिष्ठ कार्यकारियों को तलब किया है जिनमें एमेजॉन इंडिया के कंट्री प्रमुख अमित अग्रवाल शामिल हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को बताया कि दोनों समूहों के बीच विवादित सौदे से संबंधित फेमा जांच के सिलसिले में इन अधिकारियों को पेश होने के लिए कहा गया है। सूत्रों ने बताया कि इन इन कंपनियों के अधिकारियों को आगामी सप्ताह दस्तावेजों के साथ पेश होने को कहा गया है। सूत्रों के मुताबिक, एमेजॉन इंडिया के प्रमुख अग्रवाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ही फ्यूचर समूह के अधिकारियों को भी प्रवर्तन निदेशालय ने समन भेजा है। एमेजॉन और फ्लिपकार्ट जैसी प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ बहु-ब्रांड खुदरा कारोबार को लेकर वाणिज्य मंत्रालय ने ईडी को जरूरी कदम उठाने को कहा था। इसके अलावा दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी एमेजॉन के बारे में सख्त टिप्पणी की थी। उसके बाद ईडी ने फेमा की विभिन्न धाराओं के तहत जांच शुरू की थी।
उच्च न्यायालय ने कहा था कि अमेरिकी कंपनी एमेजॉन ने फ्यूचर समूह की गैर-सूचीबद्ध इकाई के साथ कुछ समझौतों के जरिए फ्यूचर रिटेल का नियंत्रण हासिल करने का प्रयास किया, जिसे फेमा और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियमों का उल्लंघन माना जाएगा। इस मामले की जांच कर रही एजेंसी ईडी के सूत्रों ने बताया कि इन दोनों कंपनियों के अधिकारियों को जांच को आगे ले जाने के लिए बुलाया गया है। एमेजॉन के एक प्रवक्ता ने समन मिलने की पुष्टि करते हुए कहा कि कंपनी इसकी समीक्षा कर रही है और तय समय के भीतर जरूरी कदम उठाएगी। वहीं फ्यूचर समूह ने इस बारे में कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी है। दोनों कंपनियां फ्यूचर रिटेल की संभावित बिक्री को लेकर कानूनी लड़ाई में उलझी हुई हैं। एमेजॉन का कहना है कि फ्यूचर रिटेल को रिलायंस रिटेल के हाथों बिक्री का करार उसके साथ 2019 में हुए निवेश समझौते का उल्लंघन करता है।
इस महीने फ्यूचर रिटेल की प्रवर्तक इकाई को ईडी ने एमेजॉन संग साल 2019 में हुए सौदे से जुड़े दस्तावेज मुहैया कराने को कहा था। फ्यूचर रिटेल ने कहा था कि दस्तावेज उपलब्ध कराने के मामले में उसे किसी तरह का निर्देश नहीं मिला है।
