भारतीय दिग्गज कंपनियां हिन्दुजा समूह, महिंद्रा ऐंड महिंद्रा और भारत फोर्ज एक ही कंपनी के अधिग्रहण की दौड़ में है।
दरअसल तीनों ही कंपनियां जर्मन कंपनी थिसेनक्रुप की फोर्जिंग इकाई के अधिग्रहण के लिए दावेदार है। निवेशकों के मुताबिक यह अधिग्रहण लगभग 40 अरब रुपये में हो सकता है।
सूत्रों के मुताबिक थिसेनक्रुप की इस फोर्जिंग इकाई का सालाना कारोबार लगभग 3200 करोड़ रुपये है।
कंपनी को इसमें लगभग 30 से 40 फीसदी की सालाना की बढ़ोतरी की उम्मीद है।
फोर्जिंग इकाई थिसेनक्रुप टेक्नोलॉजिज की है जो 3120 अरब रुपये की थिसेनक्रुप एजी की सहायक कंपनी है।
कंपनी ने अपनी फोर्जिंग व्यापार दिल्ली स्थित सोना सोना समूह को अप्रकटित राशि में बेचें हैं।