ग्रोथ कैपिटल फर्म प्लेबुक पार्टनर्स अगले दो सालों में लगभग 12-15 कंपनियों में से प्रत्येक में 20 मिलियन डॉलर (लगभग 175 करोड़ रुपये) का निवेश करने की योजना बना रही है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। फर्म के निवेश पोर्टफोलियो में मिंत्रा, पॉलिसी बाजार, इनमोबी, नजारा टेक्नोलॉजीज, रैपिडो और रेनी जैसी कंपनियां शामिल हैं। मुख्य रूप से भारत में निवेश करते हुए, इसने स्पेसएक्स और स्ट्राइप जैसी वैश्विक कंपनियों का भी समर्थन किया है।
प्लेबुक पार्टनर्स के संस्थापक और मैनेजिंग पार्टनर विकास चौधरी ने कहा, “12-15 कंपनियों में से प्रत्येक में 20 मिलियन डॉलर तक के नियोजित निवेश के साथ, हम SaaS, ई-कॉमर्स, हेल्थटेक, क्लाइमेटटेक, B2B और B2C जैसी संभावना वाली जगहों को टारगेट कर रहे हैं।”
चौधरी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा, “हमारी नजर उन कंपनियों पर है जो 100 करोड़ रुपये के टर्नओवर को पार कर चुकी हैं, जहां हमारी पूंजी और विशेषज्ञता उनकी अगले स्तर की बढ़ोतरी को तेज कर सकती है।” उन्होंने कहा तीन कंपनियों के लिए कमिटमेंट अंतिम चरण में हैं और अगले तिमाही में घोषित की जाएंगी।
जियो के पूर्व प्रेसिडेंट ने कहा कि उन्होंने 75-80 कंपनियों में निवेश किया है और उनमें से 10 यूनिकॉर्न बन गई हैं। चौधरी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि क्योर फूड्स, कैपिलरी, अल्ट्राह्यूमन, गो क्विक, फारमार्ट, जुपिटर और JAR जैसी 10 और कंपनियां ऐसा ही करेंगी।
चौधरी ने बताया कि उनकी फर्म का निवेश के लिए पारंपरिक वेंचर कैपिटल की तुलना में ग्रोथ कैपिटल को अधिक प्राथमिकता देती है। उन्होंने प्लेबुक पार्टनर्स को अन्य वेंचर कैपिटल फर्मों से अलग बताया और कहा कि जहां वीसी (VCs) किसी आइडिया/प्रोडक्ट पर शुरुआती दांव लगाते हैं और आमतौर पर 10-12 साल की न्यूनतम होल्डिंग पीरियड रखते हैं, वहीं उनकी फर्म तब कदम रखना पसंद करती है जब कंपनी ने एक प्रोडक्ट, बाजार और ग्राहक स्थापित कर लिए हों।
इसके अलावा विकास ने प्लेबुक पार्टनर्स की लॉन्ग टर्म की योजनाओं को भी रेखांकित किया, जिसका लक्ष्य आने वाले सालों में भारतीय टेक ग्रोथ इकोसिस्टम में एक बिलियन डॉलर से अधिक निवेश करना है। उन्होंने उन कंपनियों पर ध्यान देने की बात कि जो भारतीय बाजार की बारीकियों को समझती हैं, और फायदा कमाती हैं।