facebookmetapixel
Decoded: 8वें वेतन आयोग से कर्मचारी और पेंशनरों की जेब पर क्या असर?DPDP के नए नियमों से बढ़ी ‘कंसेंट मैनेजर्स’ की मांगसरकार ने नोटिफाई किए डिजिटल निजी डेटा संरक्षण नियम, कंपनियों को मिली 18 महीने की डेडलाइनबिहार विधानसभा चुनाव 2025: NDA 200 के पार, महागठबंधन की करारी हारबिहार की करारी हार से राजद-कांग्रेस के समक्ष अस्तित्व का संकट, मोदी बोले- पार्टी अब टूट की ओरबिहार में NDA की प्रचंड जीत से बैकफुट पर विपक्ष, चुनाव आयोग पर उठाए सवालNDA की जीत में पासवान, मांझी गठबंधन ने बढ़ाई वोट हिस्सेदारी: 10 बिंदुओं में बिहार चुनाव नतीजों के निष्कर्षबिहार में बंपर जीत के बाद बोले PM मोदी: पश्चिम बंगाल से भी ‘जंगलराज’ को उखाड़ फेंकेंगेबिहार में नीतीश–मोदी फैक्टर की धमक: भाजपा की राजनीतिक महत्त्वाकांक्षा की राह में अब नहीं कोई बाधाबिहार चुनाव 2025: जदयू और भाजपा ने बढ़ाई वोट हिस्सेदारी, AIMIM को झटका

रतन टाटा जैसा कोई नहीं था, कर्मचारियों और उनके परिवारों की भलाई को हमेशा दी प्राथमिकता : एन चंद्रशेखरन

लिंक्डइन पर एक पोस्ट में टाटा के साथ अपने जुड़ाव को याद करते हुए उन्होंने लिखा कि जो कोई भी टाटा से मिला, वह उनकी मानवता, गर्मजोशी और भारत के लिए सपनों की कहानी लेकर गया।

Last Updated- October 14, 2024 | 1:19 PM IST
There was no one like Ratan Tata, always gave priority to the welfare of employees and their families: N Chandrasekaran
Ratan Tata (left) and N Chandrasekaran (right) | Image: N Chandrasekaran LinkedIn

टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने सोमवार को कहा कि दिवंगत रतन टाटा ने हमेशा यह सुनिश्चित किया कि टाटा समूह की कंपनियों में कर्मचारियों के साथ-साथ उनके परिवारों की भलाई का भी ध्यान रखा जाए, जिससे समूह में कई नेता तैयार हुए। उन्होंने कहा कि वास्तव में उनके जैसा कोई नहीं था।

पेशेवरों के नेटवर्किंग मंच ‘लिंक्डइन’ पर एक पोस्ट में टाटा (86) के साथ अपने जुड़ाव को याद करते हुए उन्होंने लिखा, “जो कोई भी टाटा से मिला, वह उनकी मानवता, गर्मजोशी और भारत के लिए सपनों की कहानी लेकर गया। वास्तव में उनके जैसा कोई नहीं था।”

चंद्रशेखरन ने (दिवंगत) साइरस मिस्त्री को हटाए जाने के बाद 2017 में टाटा संस के चेयरमैन का पद संभाला था। उन्होंने कहा कि दिवंगत टाटा के साथ उनका रिश्ता ‘वर्षों में प्रगाढ़ हुआ, पहले यह कारोबार पर केंद्रित था और अंततः अधिक व्यक्तिगत संबंध में विकसित हुआ।’

उन्होंने याद करते हुए कहा, “हमने कारों से लेकर होटलों तक की रुचियों पर चर्चा की, लेकिन जब हमारी बातचीत दूसरे मामलों पर चली गई – रोज़मर्रा की ज़िंदगी की – तो उन्होंने दिखाया कि उन्होंने कितना कुछ देखा और महसूस किया। वह एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्हें समय के साथ और अनुभव के माध्यम से खोजा जाना था।”

Also read: जब Ratan Tata ने लिया था अपमान का बदला, Ford के मालिक हो गए थे शर्मिंदा!

समूह के दिवंगत मानद चेयरमैन द्वारा कर्मचारी कल्याण पर दिए गए जोर को याद करते हुए चंद्रशेखरन ने लिखा, “चेयरमैन बनने के तुरंत बाद, मुझे टाटा मोटर्स के भीतर एक ऐसी स्थिति से परिचित कराया गया, जिसमें कंपनी और कर्मचारी संघ के बीच दो वर्षों से वेतन को लेकर विवाद चल रहा था।”

उन्होंने लिखा, “मार्च 2017 में टाटा और मैंने यूनियन नेताओं से एक साथ मुलाकात की। बैठक के दौरान, टाटा ने तीन संदेश दिए। उन्होंने समाधान खोजने में देरी के लिए खेद व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि कंपनी मुश्किलों से गुज़र रही है। और हम दोनों ने प्रतिबद्धता जताई कि इस विवाद को एक पखवाड़े के भीतर सुलझा लिया जाएगा।”

उनके अनुसार, “टाटा का निर्देश पूरी तरह से यह सुनिश्चित करने पर केंद्रित था कि कर्मचारियों की अच्छी तरह से देखभाल की जाए – न केवल विवाद को सुलझाने के लिए, बल्कि उनके और उनके परिवारों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए”।

First Published - October 14, 2024 | 1:19 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट