सितंबर 2024 के खुलासों के मुताबिक निफ्टी-50 की आधी से ज्यादा कंपनियों का जलवायु लक्ष्य है। यह लक्ष्य नेट जीरो या कार्बन न्यूट्रिलिटी या दोनों का है। प्रॉक्सी एडवाइजरी फर्म इंस्टिट्यूशनल इन्वेस्टर एडवाइजरी सर्विसेज ने ये निष्कर्ष निकाले हैं।
आईआईएएस की रिपोर्ट में कहा गया है कि सितंबर के आखिर के खुलासों के आधार पर हमने पाया कि निफ्टी-50 की 62 फीसदी कंपनियों का नेट जीरो या कार्बन न्यूट्रिलिटी का लक्ष्य है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों जलवायु लक्ष्यों को लेकर प्रतिबद्धता जताने वाली कंपनियों ने ज्यादातर सख्त कार्बन शून्य का विकल्प चुना है।
आईआईएएस ने कहा कि निफ्टी की इन 31 कंपनियों में आईटी फर्म इन्फोसिस शामिल है जो साल 2020 से कार्बन न्यूट्रल है। 31 कंपनियों में से 20 कंपनियों का नेट जीरो लक्ष्य है जबकि 11 का कार्बन न्यूट्रिलिटी लक्ष्य। आईआईएएस ने कहा कि चार कंपनियों ने नेट जीरो और तात्कालिक कार्बन न्यूट्रिलिटी दोनों लक्ष्य घोषित किए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार बाकी 19 कंपनियों में से किसी ने भी नेट जीरो या कार्बन न्यूट्रिलिटी के लक्ष्य वर्ष के लिए प्रतिबद्धता नहीं जताई है। इन्फोसिस को छोड़ दें तो कार्बन न्यूट्रिलिटी लक्ष्य को लेकर सबसे निकट सिप्ला है, जिसका लक्ष्य 2025 है। सबसे लंबा लक्षित वर्ष 2070 मारुति सुजूकी ने रखा है।
इसी तरह टीसीएस ने साल 2030 तक नेट जीरो लक्ष्य तय किया है। एनटीपीसी का नेट जीरो का लक्ष्य 2070 का है। नेट जीरो का मतलब यह है कि कंपनी सभी ग्रीन हाइड्रोजन गैस उत्सर्जन – कार्बन, मीथेन या सल्फर डायऑक्साइड का उत्सर्जन अपने सभी सप्लाई चेन में घटाएगी।