सत्यम कंप्यूटर के पूर्व चेयरमैन रामलिंग राजू के बेटे भी शायद उन्हीं के रास्ते पर चल रहे थे।
दरअसल उनके बेटे मायटास की दो कंपनियों में प्रवर्तक थे और उनमें से मायटास इन्फ्रा के खातों में भी गड़बड़ी की बातें कही जा रही हैं।
माना जा रहा है कि अपने वित्तीय आंकड़ों में इस कंपनी ने भी फर्जीवाड़ा किया था।अंतर सिर्फ इतना है कि राजू ने अपनी कमाई, नकदी और मुनाफों को बढ़ाचढ़ाकर दिखाया था।
दूसरी ओर मायटास इन्फ्रा ने अप्रैल-जून की तिमाही में अपने मुनाफे को कम करके दिखाया है और इन्हें बहीखातों में दर्ज भी किया गया है।
सत्यम के मामले में ऑडिटरों की भूमिका पर सवाल खड़े हो गए हैं, लेकिन मायटास के मामले में ऑडिटर पाक साफ बनकर उभरे हैं। पीडब्ल्यूसी की तरह मायटास इन्फ्रा के ऑडिटर गड़बड़ी पहचानने से चूके नहीं और न ही इस बारे में वे चुप ही रहे। इस गड़बड़ी की ओर सबसे पहले इशारा ऑडिटर ने ही किया।
मायटास इन्फ्रा के वाइस चेयरमैन बी तेजा राजू ने बम्बई स्टॉक एक्सचेंज में अपने बयान में कहा, ‘कंपनी के वैधानिक ऑडिटर ने जून में समाप्त तिमाही की समीक्षा रिपोर्ट में बताया कि कंपनी ने सेवा कर के बारे में कुछ गलत बातें कही हैं और कर देयता को भी बढ़ाकर दिखाया है। इसकी वजह से कंपनी का कर अदायगी के बाद मुनाफा तकरीबन 16 लाख रुपये कम हो गया है।’
तेजा राजू ने अपने बयान में एक्सचेंज को यह भी बताया कि भूल सुधार कर लिया गया है।?उन्होंने कहा कि इस देयता को बहीखातों में दर्ज कर दिया गया है और सितंबर में समाप्त तिमाही की रिपोर्ट में इसका जिक्र किया जा रहा है।