मेट्रो शहरों जैसे कि मुंबई और दिल्ली में पिछले कुछ वर्षों में यहां के बाजारों में दुकानों के किराए दोगुने होने के कारण फ्यूचर समूह का प्रीमियम रिटेल प्रारूप सेंट्रल, अपनी विस्तार रणनीतियों को बदल रहा है।
हाल ही में सेंट्रल ने अभी तक चली आ रही एक्सक्लुसिव आउटलेट की अपनी नीति को तोड़ते हुए मुंबई के ओबरॉय मॉल में अपना पहला स्टोर लॉन्च किया है। इससे संकेत मिलते हैं कि कंपनी आगे भी अन्य बाजारों में भी इस तरह के कदम उठा सकती है।
फ्यूचर रिटेल के मुख्य कार्यकारी राकेश बियानी का कहना है, ‘हम नई परिसंपत्तियों में आगे बढ़ने से पहले काफी सोच-विचार कर आगे बढ़ रहे हैं क्योंकि अधिक किरायों के सास्थ रिटेलिंग में उतरना समझदारी नहीं होगी। कंपनी ने 2005-06 में उत्साहित हो कर परिसंपत्तियां बुक कराई थीं, जिनकी अपनी डिलवरी हो रही है।’
फ्यूचर रिटेल ने दिल्ली में 35 रुपये प्रति वर्गफुट की दर से कुछ परिसपंत्तियों में हाथ डाला था, जिनका अब 70 रुपये प्रति वर्गफुट की दर से भाव लग रहा है। बियानी का कहना है, ‘यहां एक उचित संशोधन होना चाहिए। जबकि किराए दोगुने हो चुके हैं, रिटेल उत्पादक्ता 25 से 28 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ेंगी, जिसकी वजह से मुनाफा कम हो रहा है।’
मांग और आपूर्ति में फैले बड़े अंतर की वजह से अहम बाजारों जैसे कि मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरु में रियल एस्टेट की कीमतों में काफी उछाल आया है। इन शहरों में कुछ देरी के बाद मुंबई के ओबरॉय मॉल की ही तरह नई जगहें रियल एस्टेट में आपूर्ति के लिए सामने आ रहे हैं। उद्योग जगत के सूत्रों के अनुसार ब्रांड दोबारा परिसंपत्तियों के लिए बुकिंग कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें रियल एस्टेट की कीमतों में संशोधन होने की उम्मीद है।