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Budget 2024-25: मोबाइल टावर कंपनियों की इनपुट टैक्स क्रेडिट की मांग

डिजिटल आधारभूत सेवाप्रदाता एसोसिएशन (DIPA) ने कहा कि यह क्षेत्र दूरसंचार के टावर पर इनपुट टैक्स क्रेडिट की उपलब्धता के लिए सरकार की मदद चाहता है।

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शुभायन चक्रवर्ती   
Last Updated- January 23, 2024 | 10:29 PM IST

दूरसंचार आधारभूत प्रदाताओं ने वित्त मंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि आगामी बजट में इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) जारी किया जाए और स्रोत पर कटौती (टीडीएस) के उपबंधों को तर्क संगत बनाया जाए।

डिजिटल आधारभूत सेवाप्रदाता एसोसिएशन (डीआईपीए) ने मंगलवार को कहा कि यह क्षेत्र दूरसंचार के टावर पर इनपुट टैक्स क्रेडिट की उपलब्धता के लिए सरकार की मदद चाहता है। बीते कुछ वर्षों से उद्योग आईटीसी जारी करने की मांग को जोरदार ढंग से उठा रहा है।

टावरों के आयातित उपकरणों पर जीएसटी भुगतान और घरेलू रिवर्स चार्ज के कारण दूरसंचार कंपनियों का आईटीसी प्रचुर मात्रा में एकत्रित हो गया है। हालांकि जीएसटी के कानून के तहत इनपुट पर टैक्स भुगतान के रिफंड का दावा किया जा सकता है, लेकिन इस सुविधा से दूरसंचार के आधारभूत ढांचे को अलग रखा गया है।

सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की ‘संयंत्र और मशीनरी’ की परिभाषा में दूरसंचार के टावरों को शामिल नहीं किया गया है। इससे पहले डीआईपीए ने कहा था कि आईटीसी को मंजूरी न मिलने के करने के कारण बड़ी संख्या में मुकदमेबाजी हो रही है।

डीआईपीए ने यह भी मांग की है कि औद्योगिक या वाणिज्यिक बैटरियों पर कर मूल्य ह्रास की दर को 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत किया जाए। उद्योग का अनुमान है कि इससे बैटरी के तीन वर्ष के आर्थिक जीवन के भीतर ही उसकी लागत को हासिल करना तय हो पाएगा।

उद्योग निकाय की यह भी चाहत है कि बिजली या डीजल की खरीदारी पर टीडीएस के उपबंधों को युक्तिसंगत किया जाए। डीआईपीए के महानिदेशक टी. आर. दुआ ने कहा, ‘बजट में सहायक नीतियां, सरल विनियमन और आसान जीएसटी मानदंड पेश किए जाने चाहिए।

First Published : January 23, 2024 | 10:29 PM IST