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स्पैमिंग को लेकर घेरे में BSNL, Jio, Airtel, Vodafone Idea; Trai ने कहा- 115 करोड़ की वसूली करे दूरसंचार विभाग

यह नियम स्पैम कॉल और मैसेज से राहत दिलाने के उद्देश्य से बनाया गया था। इसके तहत टेलिकॉम कंपनियों और टेलीमार्केटर्स पर नियमों का पालन न करने पर जुर्माना लगाया जाता है।

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वसुधा मुखर्जी   
Last Updated- September 11, 2024 | 4:38 PM IST

Spam-related violations: भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने दूरसंचार विभाग (DoT) से टेलीकॉम कंपनियों की बैंक गारंटी को नकद (encash) करने की सिफारिश की है। ये कंपनियां स्पैम को रोकने में असफल रहीं और जब वित्तीय जुर्माना लगाया गया तो उसका भुगतान नहीं कर पाईं। द इकोनॉमिक टाइम्स (ET) की रिपोर्ट के अनुसार, अगर Trai का निर्देश लागू किया जाता है, तो यह उन नियमों की याद दिलाएगा, जिन्हें टेलीकॉम कंपनियों द्वारा नजरअंदाज किया गया। और बदले में टेलीकॉम कंपनियों को 115 करोड़ रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ेगा।

हाल के दिनों में, ट्राई ने स्पैम मैसेजेस और कॉल को खत्म करने के प्रयासों को दोगुना कर दिया है। ट्राई अपने टेलीकॉम कमर्शियल कम्युनिकेशंस कस्टमर प्रेफरेंस रेगुलेशन (TCCCPR) का भी रिव्यू कर रहा है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्राई टेलीकॉम कंपनियों पर जुर्माने और पेनॉल्टी को बढ़ा सकता है। यह नियम स्पैम कॉल और मैसेज से उपभोक्ताओं को राहत दिलाने के उद्देश्य से बनाया गया था और इसके तहत टेलिकॉम कंपनियों और टेलीमार्केटर्स पर नियमों का पालन न करने पर जुर्माना लगाया जाता है।

ट्राई और दूरसंचार विभाग (DoT) की तरफ से 115 करोड़ रुपये की वसूली

इन मामलों को लेकर कुल 115 करोड़ रुपये की वसूली की जानी है, जिसमें भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) और महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL) पर 50 करोड़ रुपये का सबसे बड़ा बकाया है, जो 8-10 सालों से लंबित है। भारती एयरटेल (Bharti Airtel) पर 20 करोड़, वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) पर 15 करोड़ और रिलायंस जियो (Reliance Jio) पर 12 करोड़ रुपये बकाया है। यह 10 महीने से तीन साल की अवधि के जुर्माने के लिए लंबित हैं।

स्पैम कॉलों को रोकने की जिम्मेदारी किसकी?

ET से बातचीत में एक सीनियर टेलीकॉम अधिकारी ने बताया कि वे ट्राई के साथ चर्चा में हैं और उनका तर्क है कि सिर्फ इसलिए क्योंकि टेलीमार्केटर्स और बिजनेस से ही अनचाहे संदेशों (spam messages) और कॉलों की शुरुआत होती है, स्पैमिंग के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है । टेलीकॉम ऑपरेटर्स ने कमर्शियल ट्रैफिक को मैनेज करने और स्पैम को कम करने के लिए ब्लॉकचेन आधारित डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी (DLT) लागू की है, जो रेगुलेटरी निर्देशों के अनुसार है।

हालांकि, ट्राई का मानना है कि टेलीकॉम कंपनियां अनचाहे बिजनेस कम्युनिकेशन (UCC), जिसे स्पैम के रूप में भी जाना जाता है, को नियंत्रित करने के लिए जिम्मेदार हैं और उसने TCCCPR के तहत वित्तीय जुर्माने लगाए हैं। नियामक ने वर्षों से निर्देश और जुर्माने जारी किए हैं, लेकिन टेलीकॉम कंपनियों ने अब तक नाममात्र की रकम ही जमा की है।

इसके अलावा, ट्राई ने SMS कंटेंट के व्हाइटलिस्टिंग की समय सीमा, जो टेलीकॉम ऑपरेटर्स के साथ रजिस्ट्रेशन के लिए आवश्यक है, को एक महीने बढ़ाकर 1 अक्टूबर कर दिया है। यह निर्णय टेलीकॉम कंपनियों, बैंकों और ई-कॉमर्स कंपनियों की तरफ से कमर्शियल मैसेजेस की डिलीवरी में रुकावटों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

First Published : September 11, 2024 | 4:38 PM IST