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एजीआर में जियो के साथ अंतर घटा रही एयरटेल

भारती एयरटेल का जियो से एजीआर बाजार हिस्सेदारी का अंतर 4.4% रह गया

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सुरजीत दास गुप्ता   
Last Updated- November 30, 2023 | 11:03 PM IST

भारती एयरटेल ने रिलायंस जियो के साथ समायोजित सकल राजस्व (एजीआर)बाजार हिस्सेदारी के मामले में पिछले तीन साल में अंतर घटाया है। 4जी और अब 5जी में जियो के जोरदार प्रवेश के बावजूद एयरटेल का जियो संग अंतर वित्त वर्ष 24 की पहली तिमाही में लुढ़ककर महज 4.4 फीसदी रह गया, जो वित्त वर्ष 21 की पहली तिमाही में 6.4 फीसदी था और वित्त वर्ष 22 की पहली तिमाही में बढ़कर 7.2 प्रतिशत अंक तक पहुंच गया था।

फिलहाल रिलायंस जियो की एजीआर बाजार हिस्सेदारी 41.6 फीसदी है, जबकि एयरटेल की यह हिस्सेदारी 37.2 फीसदी है। वित्त वर्ष 23 की तीसरी तिमाही में दोनों के बीच का यह अंतर 4.9 फीसदी और वित्त 23 की पहली तिमाही में 5.4 फीसदी था।

आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने इस रुख पर करीब से नजर रखी है। इसके मुताबिक पिछली 13 तिमाहियों के दौरान भारती का औसत एजीआर 35 फीसदी था, जबकि वृद्धिशील एजीआर बाजार हिस्सेदारी 49 फीसदी थी। इसका कहना है कि भारती को पारंपरिक रूप से कमजोर क्षेत्रों और ग्रामीण इलाकों में 4जी शुरू करने से फायदा हुआ है।

इसके अलावा असीमित डेटा की पेशकश के कारण रिलायंस जियो का 5जी नेटवर्क अस्थायी रूप से इसके वृद्धिशील राजस्व को कम कर रहा है। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज का कहना है कि दिलचस्प बात यह है कि पिछली 13 तिमाहियों के दौरान एयरटेल की वृद्धिशील एजीआर बाजार हिस्सेदारी उसकी मुख्य बाजार हिस्सेदारी से अधिक रही है।

साथ ही जियो की तुलना में भारती की नकद एबिट पिछले कुछ साल के दौरान बहुत तेजी से बढ़ी है। उदाहरण के लिए भारती की एबिट वित्त वर्ष 22 की पहली तिमाही में पिछले साल की तुलना में 60.81 फीसदी तक बढ़ी है, जबकि जियो की एबिट में पिछले साल के मुकाबले 28.9 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।

इसी तरह वित्त वर्ष 24 की दूसरी तिमाही में भारती की एबिट वृद्धि पिछले साल की तुलना में 23.8 प्रतिशत रही, जबकि रिलायंस जियो की एबिट वृद्धि 10.5 प्रतिशत की दर से काफी धीमी रही है।

आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज का कहना है कि बेशक इसकी एक वजह रिलायंस जियो की तुलना में भारती द्वारा अधिक निवेश और पूंजी आवंटन रहा है। एयरटेल को शुरुआत के कम आधार का भी फायदा मिला है।

यह सब इस तथ्य के साथ है कि एयरटेल 5जी संबंधित लागत अपने लाभ और हानि खाते में वसूल रही है, जिसे जियो ने अभी भी शुरू नहीं किया है। उसके 5जी की वाणिज्यिक शुरुआत लंबित है।

इन दोनों के बीच पूंजी आवंटन में अंतर उनकी संख्या से देखा जा सकता है। भारती की शुद्ध अचल संपत्ति 11.36 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़ते हुए 2,384 अरब रुपये हो गई है। वित्त वर्ष 20-23 के दौरान यह इजाफा हुआ है।

यह स्पेक्ट्रम खरीद और नेटवर्क में निवेश से प्रेरित रहा है, जिसमें 4जी विस्तार के साथ-साथ 5जी की शुरुआत भी शामिल है। हालांकि रिलायंस जियो की शुद्ध अचल संपत्ति 28.3 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़कर 3,772 अरब रुपये हो चुकी है। कंपनी ने अपने 800 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम का नवीकरण किया है तथा अपनी 4जी और 5जी पेशकशों को बढ़ाने के लिए सब-गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम का एक बड़ा हिस्सा खरीदा है।

First Published : November 30, 2023 | 11:03 PM IST