ग्राहकों की धीमी वृद्धि और दरों में बढ़ोतरी नहीं करने सहित कई अन्य कारणों से जनवरी-मार्च तिमाही में दूरसंचार कंपनियों की राजस्व वृद्धि धीमी रह सकती है। विश्लेषकों ने कहा कि 5G की तैनाती के कारण नेटवर्क का परिचालन खर्च बढ़ने से एबिटा मार्जिन में वृद्धि कम हो सकती है अथवा उसमें गिरावट दिख सकती है।
वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में दूरसंचार कंपनियों की राजस्व वृद्धि तिमाही आधार पर 0.4 फीसदी बढ़ेगी। जेएम फाइनैंशियल को उम्मीद है कि वृद्धि डेटा के बढ़ते उपयोग के कारण आएगी।
प्रभुदास लीलाधर को उम्मीद है कि रिलायंस जियो और भारती एयरटेल के राजस्व में तिमाही आधार पर 3.1 फीसदी की वृद्धि होगी। प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व (एआरपीयू) में 1 से 1.8 फीसदी की वृद्धि के साथ क्रमिक वृद्धि होगी।
इस बीच, मॉर्गन स्टेनली ने भविष्यवाणी की है कि 3.2 फीसदी की वृद्धि के बाद भी एयरटेल की वित्त वर्ष 23 में एबिटा वृद्धि सालाना आधार पर 25 फीसदी रहेगी। यह लगातार तीसरा ऐसा साल रहेगा जब कंपनी की एबिटा वृद्धि 25 फीसदी रहेगी।
अधिकतर विश्लेषकों ने कहा कि तीसरी तिमाही के मुकाबले चौथी तिमाही में दिनों की संख्या कम होने, जियो व एयरटेल द्वारा 5जी पर अधिक खर्च के कारण नेटवर्क लागत में वृद्धि और शुल्क दरों में कोई खास बढ़ोतरी न होने के कारण मुख्य तौर पर राजस्व में वृद्धि की रफ्तार सुस्त रही।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘इस तिमाही में एयरटेल 20 लाख (तिमाही आधार पर 0.6 फीसदी की वृद्धि) ग्राहकों की वृद्धि बता सकता है और वोडाफोन आइडिया (वीआई) के ग्राहकों में 40 लाख (1.7 फीसदी की कमी) की गिरावट आ सकती है। जियो में शुद्ध 60 लाख (1.4 फीसदी की वृद्धि) नए ग्राहक जुड़ सकते
हैं।’
जेएम फाइनैंशियल ने बताया कि पिछले 18-24 महीनों में प्रवेश स्तर के प्रीपेड टैरिफ में तेज बढ़ोतरी को देखते हुए उद्योग को कम एआरपीयू सेगमेंट में मौजूदा ग्राहकों को खोते देखना जारी है। इसने कहा, ‘इसलिए ग्राहकों की वृद्धि कम रहेगी।
हालांकि उच्च एआरपीयू (3जी/4जी) प्लान में ग्राहकों के अपग्रेड होने के कारण उद्योग की हालत ठीक रहेगी।’ 31 जनवरी तक जियो के पास सबसे अधिक उपयोगकर्ता हैं। इसके पास 42.6 करोड़ उपयोगकर्ताओं का आधार है।