विश्लेषकों का मानना है कि दूरसंचार कंपनियां वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व (एआरपीयू) में लगातार वृद्धि दर्ज कर सकती हैं। उनका कहना है कि जुलाई की शुल्क वृद्धि के परिणाम के तौर पर सिम में बदलाव का प्रभाव भी घटने की संभावना है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि तीसरी तिमाही में भारती एयरटेल के लिए एआरपीयू सालाना आधार पर 17.7 फीसदी बढ़कर 245 रुपये रह सकता है, जबकि जियो के लिए यह 11 फीसदी बढ़कर 203 रुपये दर्ज किया जा सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां जियो की वृद्धि कमजोर दिख सकती है, लेकिन इसमें लंबी वैधता वाले सब्सक्रिप्शन का अनुपात अधिक है, जो टैरिफ बढ़ोतरी के कारण आय में मजबूत वृद्धि को दर्शाता है। इस बीच, वोडाफोन आइडिया (वी) का एआरपीयू 10.8 प्रतिशत बढ़कर 161 रुपये रहने का अनुमान है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने कहा है, ‘हमारा मानना है कि मोबाइल सेगमेंट की मदद से भारती का भारतीय राजस्व सालाना आधार पर 24 फीसदी बढ़कर 349 अरब रुपये रहेगा। जियो का राजस्व सालाना आधार पर 15 फीसदी बढ़कर 292 अरब रुपये (29,200 करोड़ रुपये) रहने का अनुमान है, जिसे दर वृद्धिऔर फिक्स्ड ब्रॉडबैंड से फायदा मिलेगा।
सब्सक्रिप्शन घाटे के कारण वी का राजस्व सालाना आधार पर 3.5 प्रतिशत बढ़कर 110 अरब रुपये हो जाएगा, जबकि शुल्क बढ़ोतरी पर अमल किए जाने से एआरपीयू बढ़ने की संभावना है। हमें 4जी ग्राहकों में गिरावट का नुमान है, क्योंकि नेटवर्क रोलआउट नवंबर 2024 से ही शुरू हुआ है।’
वित्तीय सेवा समूह जेएम फाइनैंशियल द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी कंपनियों के लिए एआरपीयू वृद्धि को स्मार्टफोन/पोस्टपेड प्लान की मौजूदा अपग्रेडिंग से मदद मिलेगी। उसे जियो का एआरपीयू तिमाही आधार पर 4.5 फीसदी बढ़कर 204 रुपये रहने का अनुमान है जिससे उसके राजस्व में 3.1 फीसदी तक की वृद्धि दर्ज करने में मदद मिलेगी जबकि एयरटेल के लिए उसके भारतीय वायरलेस राजस्व में तिमाही आधार पर 4.8 फीसदी वृद्धि का अनुमान है और इसके साथ उसका एआरपीयू 244 रुपये रह सकता है।दूसरी तरफ, वी का राजस्व सिर्फ 2.3 फीसदी तक बढ़ने का अनुमान है, क्योंकि 40 लाख के शुद्ध ग्राहक नुकसान ने एआरपीयू में 4.8 प्रतिशत की वृद्धि को आंशिक रूप से संतुलित कर दिया है।
आगे की राह
सिम समेकन के संक्षिप्त प्रभाव के बाद, निजी क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों की ग्राहक संख्या संभवत: तीसरी तिमाही से फिर से बढ़नी शुरू हो जाएगी। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के अनुसार एयरटेल और जियो द्वारा 50 लाख और 30 लाख ग्राहक जोड़े जाने की संभावना है, जबकि वी के ग्राहकों की संख्या में 40 लाख तक की कमी आ सकती है। 4जी/5जी के मुख्य पैमाने एयरटेल के लिए मजबूत बने रह सकते हैं और तीसरी तिमाही में इस श्रेणी में 60 लाख ग्राहक तक जुड़ सकते हैं, जबकि वी को 10 लाख ग्राहकों का नुकसान उठाना पड़ सकता है।
दर बढ़ोतरी लागू होने के बाद से, निजी क्षेत्र की तीनों दूरसंचार कंपनियों की ग्राहक संख्या में बड़ी गिरावट आई है। जुलाई से लेकर अब तक, जियो ने सबसे ज्यादा 1.648 करोड़ ग्राहक गंवाए हैं।