दिग्गज आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने श्रम मंत्रालय को बताया कि चुने गए लोगों को काम पर रखने में देरी करना कोई नई बात नहीं है। हालांकि वह 600 से अधिक अनुभवी पेशेवरों को दिए गए नौकरी के प्रस्तावों का ‘सम्मान’ करने के लिए प्रतिबद्ध है। सूत्रों ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को यह जानकारी दी। आधिकारिक सूत्रों ने कहा, ‘श्रम मंत्रालय को बीती रात भेजे गए ईमेल में टीसीएस ने इस मामले पर अपनी स्थिति स्पष्ट की। ईमेल में कहा गया है कि वह इन पेशेवरों से किए गए वादों का ‘सम्मान’ करेगी। उन्हें अभी काम पर रखने में कुछ देरी हो रही है लेकिन कंपनी उन्हें नौकरी पर रखने के लिए प्रतिबद्ध है।’
नैसेंट इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलजी इम्प्लॉइज सीनेट से मिली शिकायत के बाद मुख्य श्रम आयुक्त के कार्यालय ने टीसीएस द्वारा 600 से अधिक लैटरल नियुक्तियों को काम पर रखने में देरी पर चर्चा करने के लिए 1 अगस्त को कंपनी प्रबंधन के साथ बैठक बुलाई थी। बैठक में नैसेंट इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलजी इम्प्लॉइज सीनेट के प्रतिनिधि शामिल हुए मगर टीसीएस प्रबंधन ने इसमें शिरकत नहीं की।
नैसेंट इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलजी इम्प्लॉइज सीनेट के प्रेसिडेंट हरप्रीत सलूजा ने कहा कि मुख्य श्रम आयुक्त कार्यालय से औपचारिक नोटिस के बावजूद आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज का कोई भी प्रतिनिधि व्यक्तिगत रूप से बैठक में उपस्थित नहीं हुआ।
हरप्रीत सलूजा ने कहा, ‘ऐसी महत्त्वपूर्ण चर्चा में कंपनी की अनुपस्थिति से सैकड़ों अनुभवी पेशेवरों की आजीविका और सम्मान को लेकर टीसीएस प्रबंधन की मंशा चिंता पैदा करते हैं।’ इस बारे में पक्ष जानने के लिए टीसीएस को ईमेल किया गया मगर खबर लिखे जाने तक जवाब नहीं आया।
टीसीएस ने क्षेत्रीय श्रम आयुक्त को भेजे ईमेल में लिखा है, ‘वैश्विक बाजार की मौजूदा स्थिति के कारण संगठनों को अपनी संसाधन आवश्यकताओं का पुनर्मूल्यांकन करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। प्रस्तावित उम्मीदवारों को काम पर रखने में देरी कोई नई बात नहीं है और उद्योग में यह पहले से ही चलन में है। चूंकि भरे जाने वाले पद ग्राहकों के लिए परियोजनाओं की आवश्यकता पर आधारित होते हैं और जब परियोजना मिलने में देरी होती है तो ऐसी परियोजनाओं के लिए चुने गए उम्मीदवारों को ऑनबोर्ड करने में कुछ हद तक देरी होती है।’
बिज़नेस स्टैंडर्ड ने इस ईमेल को देखा है। ईमेल में आगे कहा गया है कि उम्मीदवारों को दिए गए पद वापस नहीं लिए गए हैं और वह स्थगन अवधि को ‘जितना संभव हो उतना कम’ रखने का प्रयास कर रही है। हालांकि सलूजा ने कहा कि कंपनी को आधिकारिक और समयबद्ध ऑनबोर्डिंग शेड्यूल तय करना चाहिए और देरी के लिए मुआवजा देना चाहिए या प्रभावित लोगों के लिए सहायता तंत्र का प्रस्ताव करना चाहिए।
टीसीएस ने हाल ही में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) के नेतृत्व होने वाले बदलाव को देखते हुए अपने संगठन को सुदृढ़ बनाने के लिए चालू वित्त वर्ष में अपने वैश्विक श्रमबल का लगभग 2 फीसदी यानी करीब 12,000 कर्मचारियों की छंटनी का निर्णय किया है। कंपनी के इतिहास में यह दूसरी सबसे बड़ी छंटनी है। इससे पहले 2012 में उसने लगभग 2,500 कर्मचारियों को खराब प्रदर्शन के कारण निकाला गया था।