टाटा संस की वित्तीय सेवा इकाई टाटा कैपिटल के निदेशक मंडल की बैठक मंगलवार को होगी। बैठक में राइट्स इश्यू के जरिये पूंजी जुटाने की योजना पर विचार किया जाएगा। कंपनी की तरफ से दी गई सूचना में ये बातें कही गई है। आरबीआई के निर्देशों के मुताबिक कंपनी को इस साल सितंबर तक अपने शेयर सूचीबद्ध कराने हैं। केंद्रीय बैंक के निर्देशों के तहत सभी अपर लेयर एनबीएफसी को सितंबर तक सूचीबद्ध होना है।
बोर्ड की बैठक में राइट्स इश्यू के आकार और समय पर चर्चा होगी। जनवरी में आर्टिकल ऑफ एसोसिएशन को संशोधित करने के लिए मांगी गई शेयरधारकों की मंजूरी के बाद यह बैठक हो रही है। एक एनबीएफसी के रूप में टाटा कैपिटल के लिए पूंजी पर्याप्तता नियमनों को पूरा करना आवश्यक है। न्यूनतम पूंजी वह होती है जिसे कंपनी को अपनी जोखिम-भारित परिसंपत्तियों और जोखिम-समायोजित ऑफ-बैलेंस शीट की मदों में प्रतिशत के रूप में रखनी होती है।
अपने शेयरधारकों को भेजे गए संदेश में कंपनी ने इस बात पर जोर दिया है चूंकि उसका ऋण पोर्टफोलियो और परिसंपत्ति आधार लगातार बढ़ रहा है, इसलिए उसे आवश्यक पूंजी पर्याप्तता अनुपात बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पूंजी की आवश्यकता होगी। कंपनी ने शेयरधारकों को भेजे संदेश में कहा कि इस जरूरत को पूरा करने के लिए कंपनी की समय-समय पर पूंजी जुटाने की योजना है, जिसमें राइट्स इश्यू के जरिए पूंजी जुटाना भी शामिल है। कंपनी ने इस बारे में जानकारी के लिए शुक्रवार को भेजे गए ईमेल का जवाब नहीं दिया।
अभी टाटा कैपिटल के पास लगभग 29,000 शेयरधारक हैं। कंपनी ने कहा कि अपने शेयरधारक आधार में कमी रोकने के लिए (जिसके परिणामस्वरूप कंपनी अधिनियम (जैसे धारा 25 और 42) के प्रावधानों का गैर-अनुपालन हो सकता है) वह अपने एओए में एक उपबंध शामिल करने की योजना बना रही है जो शेयरधारकों को किसी भी आगामी राइट्स इश्यू में अपने अधिकारों को छोड़ने से रोकेगा, जब तक कि कंपनी के इक्विटी शेयर स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध नहीं हो जाते।
13 फरवरी को फिच रेटिंग्स के बयान के अनुसार टाटा कैपिटल के आईपीओ में इसकी संभावना नहीं है कि टाटा संस अपनी हिस्सेदारी 75 फीसदी से कम करेगी। टाट संस की इसमें 93 फीसदी हिस्सेदारी है। उसके अलावा टाटा कैपिटल में टाटा समूह की अन्य कंपनियों की 2.46 फीसदी जबकि इंटरनैशनल फाइनैंस कॉरपोरेशन की 1.91 फीसदी हिस्सेदारी है और कर्मचारी कल्याण ट्रस्ट के पास 1.16 फीसदी हिस्सेदारी है। बाकी 1.64 फीसदी हिस्सेदारी अन्य के पास है। टाटा कैपिटल के टाटा मोटर्स फाइनैंस के साथ विलय के बाद टीएमएफ होल्डिंग्स (एक मुख्य निवेश कंपनी जिसका स्वामित्व टीएमएफएल के पास है) की विलय वाली इकाई में 4.7 फीसदी हिस्सेदारी होगी।