टाटा पावर महाराष्ट्र में ‘पंप्ड हाइड्रो स्टोरेज’ से जुड़ी दो परियोजनाओं में 13,000 करोड़ रुपये निवेश करेगी। कंपनी ने मंगलवार को कहा कि दोनों परियोजनाओं की कुल क्षमता 2,800 मेगावाट होगी।
क्या है पंप्ड हाइड्रो स्टोरेज परियोजना का काम?
जलविद्युत से जुड़ी पंप्ड हाइड्रो स्टोरेज परियोजनाएं (PSP) अतिरिक्त बिजली की उपलब्धता के समय पानी को निचले जलाशय से उच्च जलाशय में ‘पंप’ करती हैं। उसी पानी का उपयोग अधिक मांग के दौरान बिजली पैदा करने के लिये निचले स्तर पर स्थित टर्बाइन चलाने के लिये जाता है। दोनों पंप्ड हाइड्रो स्टोरेज परियोजनाएं पुणे के शिरवता और रायगड के भिवपुरी में लगायी जाएंगी।
पुणे में 1,800 को रायगढ़ में 1,000 मेगावाट का लगेगा प्लांट
We're proud to sign an MoU for 2800 MW Pumped Hydro Projects with Govt of Maharashtra worth 13,000 Cr for boosting clean energy, ensuring 24/7 power. With 1800 MW in Pune & 1000 MW in Raigad, the project will contribute to the state's clean energy goals. https://t.co/yDNHt5plXD https://t.co/2QrpWTLYcO
— TataPower (@TataPower) August 8, 2023
जहां पुणे में लगने वाली परियोजना की क्षमता 1,800 मेगावाट होगी वहीं रायगढ़ में लगने वाली परियोजना की क्षमता 1,000 मेगावाट होगी। इन दोनों परियोजनाओं से कुल मिलाकर 6,000 लोगों को रोजगार मिलेगा।
कंपनी एक सदी से अधिक समय से राज्य में जलविद्युत परियोजनाओं का संचालन कर रही है। ये परियोजनाएं खोपोली, भीरा और भिवपुरी में है। भीरा में 150 मेगावाट क्षमता की पंप्ड हाइड्रो स्टोरेज परियोजना शामिल हैं।
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस थे मौजूद
राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस की मौजूदगी में महाराष्ट्र सरकार और कंपनी के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये गए। कंपनी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी (CEO) प्रवीर सिन्हा ने कहा कि पीएसपी ऊर्जा भंडारण का एक और कुशल तरीका है। यह समझौता स्वच्छ और हरित ऊर्जा की दिशा में एक बड़ा कदम है।