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रिन्यूएबल एनर्जी से रोशन होगी Tata Power, नेट प्रॉफिट 25% बढ़कर ₹1,300 करोड़ पर पहुंचा

कंपनी को ओडिशा में वितरण में सुधार, मुंद्रा में बेहतर रिटर्न और सेल एवं मॉड्यूल में सुधार से मदद मिली है।

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देवांशु दत्ता   
Last Updated- May 18, 2025 | 9:45 PM IST

टाटा पावर ने वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में शानदार वित्तीय नतीजे दिए हैं। कंपनी का समेकित राजस्व सालाना आधार पर 8 फीसदी बढ़कर 17,100 करोड़ रुपये और शुद्ध लाभ 25 फीसदी की वृद्धि के साथ 1,300 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। परिचालन मुनाफा एक साल पहले के मुकाबले 39 फीसदी बढ़कर 3,200 करोड़ रुपये रहा। कंपनी ने वित्त वर्ष 2025 में 1,026 मेगावॉट अक्षय ऊर्जा (आरई) क्षमता और बढ़ाई। इसमें चौथी तिमाही में शामिल 166 मेगावॉट की क्षमता भी शामिल है।

कंपनी की सोलर इंजीनियरिंग संवर्द्धन एवं निर्माण (ईपीसी) ऑर्डर बुक यूटीलिटी परियोजनाओं के लिए 11,400 करोड़ रुपये है जबकि रूफटॉप के लिए 864 करोड़ रुपये और थर्ड-पार्टी रूफटॉप के लिए 1,036 करोड़ रुपये की ऑर्डर बुक है। आरई सेगमेंट से वृद्धि को मदद मिलेगी। मूल्यह्रास का आंकड़ा सालाना आधार पर 7 प्रतिशत बढ़कर 1,100 करोड़ रुपये हो गया और ब्याज संबं​धित खर्च 7 फीसदी बढ़कर 1,200 करोड़ रुपये हो गया। कर सालाना आधार पर 40 फीसदी घटकर 290 करोड़ रुपये रहा।

उत्पादन से राजस्व सालाना आधार पर 9 फीसदी बढ़कर 5,300 करोड़ रुपये रहा। वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में थर्मल के लिए प्लांट लोड फैक्टर (पीएलएफ) घटकर 73 फीसदी रह गया जो पिछले साल 74 फीसदी पर था। सोलर के लिए पीएलएफ चौथी तिमाही में 25 फीसदी रहा जो पिछले साल 24 फीसदी था। वहीं पवन ऊर्जा सेगमेंट के लिए यह 13 फीसदी रहा। मुंद्रा के लिए पीएलएफ चौथी तिमाही में बढ़कर 73 फीसदी हो गया जो पिछले साल के 60 फीसदी की तुलना में अ​धिक है।

हाइड्रो पीएलएफ वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में 30 फीसदी रहा जो पिछले साल 36 फीसदी था। आरई से राजस्व 3,500 करोड़ रुपये पर ​स्थिर रहा। ट्रांसमिशन और वितरण से कंपनी का राजस्व सालाना आधार पर 6 फीसदी बढ़कर 9,600 करोड़ रुपये हो गया। अन्य 5.5 गीगावॉट अगले 6 से 24 महीने में शुरू हो जाएगी।

वित्त वर्ष 2025 में कंपनी का समेकित राजस्व सालाना आधार पर 6 फीसदी बढ़कर 65,400 करोड़ रुपये जबकि परिचालन लाभ 13,900 करोड़ रुपये रहा। कंपनी ने वित्त वर्ष 2025 में 16,200 करोड़ रुपये का पूंजीगत खर्च किया जिसमें चौथी तिमाही का 4,100 करोड़ रुपये का आंकड़ा भी शामिल है। यह 21,000 करोड़ रुपये के अनुमान की तुलना में कम है। कंपनी को ओडिशा में वितरण में सुधार, मुंद्रा में बेहतर रिटर्न और सेल एवं मॉड्यूल में सुधार से मदद मिली है।

First Published : May 18, 2025 | 9:45 PM IST