भारतीय वाहन निर्माता टाटा मोटर्स ने असुरक्षित विदेशी बॉन्ड के जरिए 4.35 फीसदी की दर पर 42.5 करोड़ डॉलर जुटाए हैं, जिसका इस्तेमाल पुराने कर्ज को समाप्त करने और खर्च पूरा करने में किया जाएगा। स्टॉक एक्सचेंज को भेजी सूचना में कंपनी ने रकम जुटाने की पुष्टि की है और कहा है कि वह 31.8 करोड़ डॉलर का इस्तेमाल मौजूदा कर्ज को समाप्त करने में करेगी जबकि बाकी रकम का इस्तेमाल कंपनी के सामान्य कामकाज पर होगा।
यह बॉन्ड जून 2026 में परिपक्व होगा। ब्रिटिश ब्रांड जगुआर लैंड रोवर के मालिकाना हक वाली कंपनी टाटा मोटर्स ने कहा कि उसे एशिया व यूरोप में निवेशकोंं की खासी दिलचस्पी देखने को मिली है और इस बॉन्ड को पांच गुना से ज्यादा बोली मिली। इस बॉन्ड को स्टैंडर्ड ऐंड पुअर्स रेटिंग्स सर्विस ने बी रेटिंग दी है। भारत में एएए रेटिंग वाली सरकारी फर्म को मौजूदा स्तर पर 5 साल के लिए रकम जुटाने पर करीब 5.9 फीसदी चुकाना पड़ेगा, ऐसे में मुद्रा परिवर्तन की लागत के बावजूद विदेश से रकम जुटाना आकर्षक है।
विदेश में बिक्री बॉन्ड जारी करने वालों को ज्यादा रकम जुटाने में सक्षम बनाता है और अपने डेट इन्वेस्टर का आधार विशाखित करने में भी मदद मिलती है। करीब दो दर्जन भारतीय कंपनियों ने संयुक्त रूप से साल 2020 में विदेश में 14.01 अरब डॉलर जुटाए, जो एक साल पहले के 26.5 अरब डॉलर के मुकाबले कम है। यह जानकारी ग्लोबल एनालिटिक्स फर्म डीलॉजिक के आंकड़ों से मिली। टाटा मोटर्स के ऊपर पिछले वित्त वर्ष के आखिर में 409 अरब रुपये का कर्ज था। कंपनी ने साल 2020 मेंं कहा था कि उसकी योजना तीन साल में कर्ज मुक्त होने की है।
