टाटा समूह की वित्तीय सेवा कंपनी टाटा कैपिटल ने राइट्स इश्यू के जरिए 1,500 करोड़ रुपये जुटाए हैं। यह जानकारी कंपनी की रेगुलेटरी फाइलिंग में दी गई है। कंपनी में 93 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाली टाटा सन्स ने अपने हिस्से का पूरा सब्सक्रिप्शन किया है। इसके अलावा, इंटरनेशनल फाइनेंस कॉर्पोरेशन (IFC) समेत अन्य छोटे शेयरधारकों ने भी इस राइट्स इश्यू में हिस्सा लिया है।
टाटा कैपिटल ने यह फंड जुटाने की प्रक्रिया अपनी आगामी लिस्टिंग से पहले पूरी की है। कंपनी इस साल सितंबर तक अपना आईपीओ लाने की योजना बना रही है। कंपनी ने कहा है कि राइट्स इश्यू से मिले पैसे का इस्तेमाल आगे लोन देने और अपने लिवरेज रेश्यो को बेहतर बनाने के लिए किया जाएगा।
17,000 करोड़ रुपये का आईपीओ, 10 बैंक होंगे मैनेजर
टाटा कैपिटल अपने आईपीओ के जरिए करीब 17,000 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी में है। इसके लिए कंपनी ने 10 बैंकों को इश्यू मैनेज करने की जिम्मेदारी दी है। टाटा कैपिटल सेबी के पास गोपनीय तरीके (confidential route) से दस्तावेज दाखिल करेगी। रेटिंग एजेंसी फिच के मुताबिक, टाटा सन्स की टाटा कैपिटल में हिस्सेदारी आईपीओ के बाद भी 75% से नीचे नहीं जाएगी। टाटा कैपिटल को रिजर्व बैंक ने ‘अप्पर लेयर’ एनबीएफसी का दर्जा दिया है, जिसके चलते कंपनी पर ज्यादा रेगुलेटरी नियम लागू होते हैं, जिनमें पब्लिक लिस्टिंग भी शामिल है। कंपनी का डेट-टू-इक्विटी रेश्यो सितंबर 2023 के अंत तक घटकर 6.3x हो गया है, जो वित्त वर्ष 2022 में 7.2x था।
विदेशी बाजार से भी जुटाएंगे फंड
टाटा कैपिटल अपनी मिड-टर्म नोट प्रोग्राम के तहत 2 अरब डॉलर तक फंड जुटाने की योजना बना रही है। इसी कड़ी में कंपनी 750 मिलियन डॉलर तक एक्सटर्नल कमर्शियल बॉरोइंग (ECB) के जरिए फंड जुटा रही है। इसके लिए दिसंबर में टाटा कैपिटल ने आरबीआई से अनुमति मांगी थी। साथ ही, टाटा कैपिटल हाउसिंग फाइनेंस ने भी 200 मिलियन डॉलर जुटाने के लिए अनुमति मांगी है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बॉन्ड इश्यू के लिए HSBC और स्टैंडर्ड चार्टर्ड को जॉइंट बुक-रनर नियुक्त किया गया है। कंपनी दिसंबर 2028 में मैच्योर होने वाला तीन साल का डॉलर बॉन्ड जारी करने की योजना में है। टाटा कैपिटल के इन कदमों से यह साफ है कि कंपनी फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर में बड़ी भूमिका निभाने की तैयारी कर रही है।