टाटा समूह के नियंत्रण वाली एयर इंडिया 3,000 करोड़ रुपये कर्ज के लिए बैंकों से बात कर रही है। एयर इंडिया इस रकम का इस्तेमाल पट्टा कंपनियों को बिक्री और पट्टे के लिए शुरुआती रकम देने यानी डाउन पेमेंट करने में करेगी।
सूत्रों के अनुसार कंपनी कर्ज के लिए कई बैंकों से बात कर रही है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के एक शीर्ष अधिकारी के अनुसार कई बैंक एक साथ मिलकर कंपनी को जरूरी रकम दे सकते हैं।
टाटा समूह का हिस्सा बनने के बाद एयर इंडिया ने इस साल फरवरी में 470 विमानों का भारी भरकम ऑर्डर दिया था। इनमें 250 विमानों का ऑर्डर यूरोप की कंपनी एयरबस और शेष 220 का ऑर्डर अमेरिकी कंपनी बोइंग को दिया गया। इन 470 विमानों की कीमत लगभग 70 अरब डॉलर है। एक ही खेप में इतने विमान खरीदने के लिए यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ऑर्डर है।
कंपनी बोइंग से 190 बी737मैक्स, 20 बी787 और 10 बी777 विमान खरीदेगी। कंपनी ने एयरबस को 210 ए320 और 40 ए350 मॉडल के विमान खरीदेगी। ए350, बी777 और बी787 चौड़ी बॉडी वाले विमान हैं, जिनमें ईंधन की टंकी भी बड़ी होती हैं। इन खूबियों के कारण ये विमान काफी लंबी दूरी की उड़ानों के लिए माकूल माने जाते हैं।
विमानन उद्योग के सू्त्रों ने कहा कि एयर इंडिया चौड़ी बॉडी वाले विमान सीधे खरीद सकती है और कम चौड़ाई वाले विमान (ए320 और बी737) सेल-ऐंड-लीजबैक मॉडल पर खरीदे जा सकते हैं। सेल-ऐंड-लीजबैक मॉडल के अंतर्गत नए विमान पट्टा कंपनियों को बेचे जाते हैं और वे तत्काल इन्हें विमानन कंपनी को पट्टे पर दे देते हैं। बिक्री से मिली रकम का इस्तेमाल दूसरे कामों के लिए हो जाता है।
एयर इंडिया ने बैंकों से कर्ज लेने पर बिज़नेस स्टैंडर्ड द्वारा पूछे सवाल का कोई जवाब नहीं दिया। एयर इंडिया की साख सबसे अच्छी रही है, इसलिए माना जा रहा है कि बैंक उसे काफी कम ब्याज पर कर्ज दे सकते हैं। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने जून में एयर इंडिया की 37,500 करोड़ रुपये की बैंक कर्ज सुविधा की एएए/स्टेबल रेटिंग बरकरार रखी थी। टाटा संस के लिए एयर इंडिया आर्थिक लिहाज से खास है। टाटा संस को भी ‘एएए’ रेटिंग प्राप्त है। क्रिसिल ने कहा, ‘मामूली वित्तीय जोखिम और विमानन कारोबार के जुड़े जोखिमों को देखते हुए थोड़ी चिंता की गुंजाइश तो हमेशा बनी रहती है।’
वित्त वर्ष 2023 में एयर इंडिया का राजस्व दोगुना होकर लगभग 41,260 करोड़ रुपये हो गया था। कोविड महामारी थमने के बाद हवाई सफर बढ़ने और उड़ान नहीं भरने वाले विमानों के दोबारा बेड़े में शामिल होने से एयर इंडिया अधिक से अधिक यात्रियों को सफर करा रही है।