अगले महीने होने वाली वैश्विक सूचकांक प्रदाता एमएससीआई की अर्धवार्षिक सूचकांक समीक्षा में तीन देसी शेयर शामिल हो सकते हैं जबकि दो शेयर को इससे बाहर निकाला जा सकता है। इस कदम से एमएससीआई इंडेक्स ट्रैक करने
वाले फंडों की तरफ से 90 करोड़ डॉलर यानी करीब 6,900 करोड़ रुपये के निवेश में बदलाव हो सकता है।
स्मार्टकर्मा के प्रकाशन करने वाले विश्लेषक ब्रायन फ्रिएटस के मुताबिक, टाटा एलेक्सी, जिंदल स्टील पावर और अदाणी पावर एमएससीआई इंडेक्स में जगह बना सकती हैं। इससे टाटा एलेक्सी में 2,150 करोड़ रुपये, जिंदल स्टील पावर में 1,649 करोड़ रुपये और अदाणी पावर में 1,502 करोड़ रुपये का निवेश हो सकता है। इस बीच, एचडीएफसी ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी को इस इंडेक्स से बाहर निकाला जा सकता है, इसके कारण इस कंपनी से पैसिव फंडों की तरफ से 820 करोड़ रुपये की निवेश निकासी हो सकती है। इस तरह सरकारी स्वामित्व वाली इंद्रप्रस्थ गैस को इंडेक्स से बाहर निकाला जा सकता है।
एडलवाइस ऑल्टरनेटिव रिसर्च के अभिलाष पगारिया का अनुमान है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज का भारांक एमएससीआई इंडेक्स मेंं बढ़ सकता है। इसकी वजह आंशिक चुकता शेयरों का नवंबर 2021 में सामान्य शेयर में तब्दील होना है।
उन्होंने कहा, निफ्टी व सेंसेक्स पहले ही समायोजन कर चुके हैं और अब हम एमएससीआई की तरफ से मई की समीक्षा में ऐसी उम्मीद कर रहे हैं। इसमें करीब 1,500 करोड़ रुपये का निवेश हो सकता है।
एमएससीआई मई 2022 में होने वाली समीक्षा के नतीजे 12 मई को घोषित करने वाला है। होने वाले बदलाव 31 मई से प्रभावी हो जाएंगे।
कुल मिलाकर 52 शेयर शामिल हो सकते हैं और 80 को बाहर निकाला जा सकता है और चीन अधिकतम बदलाव का सामना कर सकता है – उसके 37 शेयर जुड़ सकते हैं जबकि 46 को बाहर निकाला जा सकता है। फ्रिएट्स के मुताबिक, सबसे अच्छा प्रदर्शन करने उभरता बाजार इंडोनेशिया इस साल अब तक के आधार पर पांच शेयर का जुड़ाव और शून्य निकासी से रूबरू हो सकता है।
नवंबर 2021 के आखिर में 106 देसी शेयर एमएससीआई ईएम का हिस्सा थे और इंडेक्स में भारत का भारांक करीब 12.3 फीसदी था।