प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
भारत की प्रमुख दवा कंपनी सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज ने अपने ‘स्पेशल प्रोडक्ट्स’ के बिजनेस को मजबूत करने के लिए 100 मिलियन डॉलर (लगभग 830 करोड़ रुपये) के निवेश की योजना बनाई है। कंपनी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर दिलीप शांघवी ने यह जानकारी दी। यह निवेश चालू वित्त वर्ष में दो नए प्रोडक्ट्स अनलॉक्ससाइट और लेक्सेल्वी पर केंद्रित होगा।
शांघवी ने निवेशकों के साथ एक कॉल में बताया कि यह पैसा कंपनी के स्पेशल प्रोडक्ट्स कारोबार को भविष्य के लिए और मजबूत करने में मदद करेगी। अनलॉक्ससाइट दवा का उपयोग मेटास्टैटिक क्यूटेनियस स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा (त्वचा के कैंसर का एक प्रकार) के इलाज के लिए किया जाता है, जबकि लेक्सेल्वी गंभीर एलोपेसिया एरियाटा (बालों के झड़ने की बीमारी) के इलाज में कारगर है।
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सन फार्मा के ग्लोबल स्पेशल प्रोडक्ट्स की बिक्री में वित्त वर्ष 2025 में 17.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो कुल 1,216 मिलियन डॉलर रही। जनवरी-मार्च तिमाही में यह बिक्री 8.6 प्रतिशत बढ़कर 295 मिलियन डॉलर तक पहुंची। कंपनी ने इस दौरान कुल 52,041 करोड़ रुपये की बिक्री दर्ज की।
कंपनी ने यह भी बताया कि वह अपने एक दूसरे प्रोडक्ट एमएम-टू (ऑस्टियोआर्थराइटिस दर्द के लिए) के भविष्य के विकास और व्यावसायीकरण के लिए कुछ साझेदारों की तलाश कर रही है। इसके अलावा, कंपनी अब जीएल 0034 दवा का उपयोग टाइप-2 डायबिटीज के इलाज के लिए पहली बार शुरू करने की योजना बना रही है।
सन फार्मा ने हाल ही में चेकपॉइंट थेराप्यूटिक्स के अधिग्रहण की घोषणा की है, जो इम्यूनोथेरेपी और टारगेटेड ऑन्कोलॉजी में विशेषज्ञता रखती है। शांघवी ने कहा कि इस सौदे को अंतिम मंजूरी मिलने का इंतजार है। चेकपॉइंट की दवा अनलॉक्ससाइट को हाल ही में अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) से मंजूरी मिली है और सन फार्मा इसका लाभ उठाकर मरीजों तक इसकी पहुंच बढ़ाने की योजना बना रही है।
कंपनी ने यह भी बताया कि अगले वित्त वर्ष में अनुसंधान और विकास (R&D) पर कुल बिक्री का 6-8 प्रतिशत खर्च करने की योजना है। सन फार्मा की यह रणनीति न केवल भारत बल्कि वैश्विक बाजार में भी इसके स्पेशल प्रोडक्ट्स की स्थिति को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
(एजेंसी के इनपुट के साथ)