मुनाफे पर विंडफॉल कर से दबाव के बावजूद ऑयल इंडिया (OIL) और तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ONGC) जैसे तेल एवं गैस उत्पादकों ने वित्त वर्ष 2023 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में अच्छा प्रदर्शन किया है।
ONGC को अपनी सहायक इकाई हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन से कमजोर नतीजों की वजह से दबाव का सामना करना पड़ा है, और तुलनात्मक तौर पर OIL इस संदर्भ में बेहतर है।
वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में शुद्ध बिक्री 5,900 करोड़ रुपये रही, जो सालाना आधार पर 57 प्रतिशत और तिमाही आधार पर 2 प्रतिशत तक अधिक है। एबिटा बढ़कर 2,900 करोड़ रुपये रहा, जो सालाना आधार पर 100 प्रतिशत और तिमाही आधार पर 54 प्रतिशत तक ज्यादा है। अनुमान से कम उपकरों तथा अन्य खर्च की वजह से कंपनी को एबिटा सुधारने में मदद मिली।
समायोजित शुद्ध लाभ 1,700 करोड़ रुपये रहा, जो सालाना आधार पर 40 प्रतिशत तथा तिमाही आधार पर 1 प्रतिशत तक अधिक है। विंडफॉल कर के बाद कच्चे तेल की शुद्ध प्राप्तियां 6,128 रुपये प्रति बैरल रहीं, जो सालाना आधार पर 7 प्रतिशत और तिमाही आधार पर 8 प्रतिशत तक ज्यादा है।
तीसरी तिमाही का समेकित सकल ऋण 17,500 करोड़ रुपये रहा, जो तिमाही आधार पर सपाट है। ऊंचा मार्जिन मुख्य तौर पर कम परिचालन खर्च (सालाना आधार पर 1,430 करोड़ रुपये की तुलना में 1,000 करोड़ रुपये) की वजह से दर्ज किया गया।
तीसरी तिमाही में कच्चे तेल की सकल प्राप्तियां 85.8 डॉलर प्रति बैरल रहीं, जो सालाना आधार पर 12 प्रतिशत अधिक और तिमाही आधार पर 12 प्रतिशत कम हैं, जबकि कच्चे तेल की शुद्ध प्राप्तियां (विंडफॉल कर के समायोजन सहित) 74.6 डॉलर प्रति बैरल पर रहीं। गैस प्राप्तियां 10.5 डॉलर प्रति 10 लाख ब्रिटिश ताप यूनिट पर रहीं, जो सालाना आधार पर 360 प्रतिशत अधिक और तिमाही आधार पर 71 प्रतिशत कम हैं। कच्चे तेल की कीमतों का संबंध विंडफॉल पूर्व भारतीय कच्चे तेल के आयात से है।
2024-25 तक उत्पादन लक्ष्य कच्चे तेल के लिए 40 लाख टन और गैस उत्पादन के लिए 4 अरब मीटर (BCM) है। कंपनी वित्त वर्ष 2024 में 70 कुओं की खुदाई करने की योजना बना रही है और उसने कई खोज भी की हैं। गैस के लिए लक्ष्य 5 बीसीएम है। इसके लिए ज्यादा बड़े निवेश की जरूरत नहीं है, हालांकि आगामी परियोजनाओं और मंजूरियों के संदर्भ में क्रियान्वयन चुनौतीपूर्ण है।
नुमालीगढ़ रिफाइनरी (NRL) द्वारा क्षमता 30 लाख टन सालाना से बढ़ाकर 90 लाख टन सालाना किए जाने की प्रक्रिया चल रही है और यह कार्य 2025 के अंत तक पूरा हो जाने का अनुमान है।
NRL का पूंजीगत खर्च अब तक 8,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है, जिसमें से 2,300 करोड़ रुपये का खर्च कर्ज से जुड़ा हुआ है और शेष राशि आंतरिक स्रोतों से जुड़ी हुई है।
NRL ने वित्त वर्ष 2023 में अब तक ओआईएल को लाभांश के तौर पर 760 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। हालांकि अब ज्यादा पूंजीगत खर्च की वजह से इसमें कमी आ सकती है।