सोमवार को पुणे स्थित तकरीबन 35 नामी बीपीओ कंपनियों (कॉल सेंटर) को कर्मचारियों की कमी से जूझना पड़ सकता है।
दरअसल, इन कंपनियों के लिए कैब मुहैया कराने वाले ट्रांसपोर्टर और उसके ड्राइवर सोमवार को हड़ताल पर रहेंगे। कैब ऑपरेटरों के हड़ताल पर जाने की वजह है, कंपनियों की ओर से करीब 1 करोड़ रुपये के बकाया राशि का भुगतान नहीं करना।
ऐसे में बीपीओ कंपनियों के करीब 80 फीसदी कर्मचारियों को ऑफिस पहुंचने में खासी मशक्कत का सामना करना पड़ सकता है। पुणे के आसपास के इलाकों के तकरीबन 95,000 पेशेवर शहर में स्थित प्रमुख बीपीओ कंपनियों में काम करते हैं। इन कंपनियों में जेनसर टेक्नोलॉजीज, आईबीएम, डब्ल्यूएनएस, एक्सा, वेंटूरा, वीकस्टमर, एमफेसिस आदि शामिल हैं।
इनमें से सभी बीपीओ कंपनियां अपने कर्मचारियों को पिक एंड ड्रॉप की सुविधा मुहैया कराती हैं। इसके लिए कंपनियां टूरिस्ट एजेंसियों और वेंडरों से किराए पर कार या जीप लेती हैं और उसके एवज में भुगतान करती हैं। महाराष्ट्र कॉल सेंटर ड्राइवर्स एंड ओनर्स एसोसिएशन (एमसीसीडीओए) के बैनर तले कॉल सेंटर कार चालक और मालिक सोमवार को हड़ताल पर जा रहे हैं। उनका कहना है कि कंपनियों ने वेंडरों और चालकों को करीब 1 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया है।
इन कॉल सेंटरों में एमसीसीडीओए से संबंद्ध कार ओनर्स करीब 70 फीसदी कर्मचारियों को लाते-ले जाते हैं और इस काम में करीब 6000 कारें लगी हैं। एमसीसीडीओए का कहना है कि 19 मई, यानी सोमवार को एक भी कार नहीं चलने दी जाएगी। एमसीसीडीओए के अध्यक्ष नाना क्षीरसागर ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि हम यरवदा में आईबीएम कॉम्प्लेक्स के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे और बकाए राशि का जल्द से जल्द भुगतान की मांग रखेंगे।
उन्होंने कहा कि कई बार तो कैब ऑनरों को दो से छह महीने तक भुगतान नहीं किया जाता है। खास बात यह कि ज्यादातर बीपीओ कंपनियों की ओर से एमसीसीडीओए की ओर से हड़ताल के बारे में कोई अधिकारिक सूचना नहीं दी गई है।
वहीं विभिन्न कॉल सेंटरों के प्रशासनिक अधिकारी कर्मचारियों के लिए नए वाहनों की व्यवस्था में जुटे हैं, ताकि ऑफिस के काम में किसी तरह की बाधा खड़ी न हो। जेनसर टेक्नोलॉजीज के प्रबंध निदेशक गणेश नटराजन ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि सोमवार के लिए गाड़ियों की व्यवस्था की जा चुकी है।
बकाया राशि के भुगतान को लेकर सोमवार को पुणे के कैब ऑपरेटर-चालक करेंगे हडताल
कॉल सेंटर कंपनियां प्राइवेट वाहनों की व्यवस्था में जुटीं