भारत में नौकरी मुहैया कराने वाली एजेंसियां और जॉब पोर्टल के लिए व्यस्त समय है। स्टार्टअप में छंटनी होने और वैश्विक स्तर पर मंदी की आशंका से आईटी क्षेत्र पर प्रभाव पड़ा था। छंटनी से प्रभावित हजारों लोग फिर से रोजगार पाने की कतार में खड़े हो गए हैं।
स्टाफिंग फर्म टीम लीज के मुताबिक साल 2020 में महामारी शुरू होने के बाद स्टार्टअप के क्षेत्र से ही 23,000 से अधिक लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। इसके मुताबिक इसमें यूनिकॉर्न सहित 44 स्टार्टअप ने करीब 15,216 कर्मचारियों की छंटनी कर दी। इनमें 14 एडुटेक (तकनीकी शिक्षा) क्षेत्र की स्टार्टअप थीं जिन्होंने 2022 में ही 6,898 कर्मचारियों को सड़क पर लाकर खड़ा कर दिया था।
मानव संसाधन (एचआर) विशेषज्ञों ने बातचीत के दौरान बताया कि नौकरी के बाजार में आने वाले कुछ हफ्तों और महीनों में इच्छुक बायोडेटा की संख्या बढ़ने की उम्मीद है। शाइन डॉट कॉम के मुख्य कार्याधिकारी अखिल गुप्ता के मुताबिक बीती दो तिमाहियों में छंटनी होने के कारण नौकरी मांगने वालों की संख्या बढ़ गई है। बेंगलूरु मुख्यालय स्थित टैलेंट सॉल्यूशन मुहैया कराने वाले करियरनेट के मुताबिक बीती तिमाही की तुलना में वर्तमान समय में नई नौकरी के लिए सकारात्मक जवाब मिलना 10 फीसदी बढ़ गया है।
करियरनेट के मुख्य कार्याधिकारी व सहसंस्थापक अंशुमन दास के मुताबिक,’हमने लोगों से छंटनी से प्रभावित होने वाले अपने दोस्तों के बारे में जानकारी देने के कार्यक्रम की शुरुआत की थी। वेबसाइट पर इस कार्यक्रम और नौकरी के लिए सीधे मिलने वाले आवेदनों में 20 से 25 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।’ नियोक्ता की हौसला अफजाई व तकनीकी कौशल के मामले में उनकी मदद के लिए इन पोर्टलों ने कई नई शुरुआत की हैं। जैसे शाइन.कॉम अभ्यार्थियों के लिए कोडिंग हैकाथन आयोजित कर रही है। इसमें नौकरी पाने के इच्छुक लोग संभावित नियोक्ताओं के समक्ष अपना हुनर साबित कर सकते हैं।
करियरनेट अपनी वेबसाइट पर कोडिंग के लिए प्रैक्टिस परीक्षा मुहैया करा रही है। इन परीक्षा में बैठने वाले लोग यह देख सकते हैं कि वे कहां खड़े हैं और अपने कौशल को कैसे अधिक बेहतर कर सकते हैं। यह पोर्टल रिज्यूम को बेहतर बनाने में मदद कर रहा है। पोर्टल नौकरी चाहने वालों को बाजार की हालिया जरूरतों के बारे में जानकारी मुहैया करा रहा है। पोर्टल साक्षात्कार की तैयारी में मदद कर रहा है और अभ्यर्थियों को तैयारी करने के लिए बेहतर ढंग से तैयारी करा रहा है।
हालांकि यह आसान समय नहीं है। छंटनी के शिकार हुए कर्मचारियों के साथ-साथ नौकरी मुहैया कराने वाली एजेंसियों के लिए कठिन डगर है। करियर नेट पोर्टल के अनुसार नौकरी के लिए अभ्यर्थियों की मांग बढ़ रही है। कंपनियां अभ्यर्थियों के बारे में जानकारी मांग रही हैं। लेकिन यह मांग स्टार्टअप से नहीं आ रही है। स्टार्टअप में व्यापक पैमाने पर कर्मचारियों की छंटनी हुई थी।
दास ने कहा,’इनमें से ज्यादातर लोगों की छंटनी नकदी के संकट के कारण हुई थी। यह छंटनी इसलिए नहीं हुई थी कि इन लोगों के पास कौशल नहीं था या इन लोगों का कौशल समय की मांग के अनुरूप नहीं था।’ उन्होंने कहा,’ऐसी भी उम्मीद है कि इन लोगों को तुरंत नौकरी नहीं मिले या पुराने वेतन के बराबर वेतन नहीं मिले। लेकिन इन लोगों को कुछ समय बाद कम वेतन पर नौकरी मिल सकती है।’
इसमें एक अड़चन है। आउटप्लेसमेंट एजेंसियों के अनुसार कुछ कंपनियां यह गारंटी चाहती हैं कि कर्मचारी को रोजगार देने की स्थिति में नौकरी करे। दिल्ली स्थित आउटप्लेसमेंट एजेंसी कार्नर स्टोन के सीईओ विजय करकरे के मुताबिक,’हमें हाल में किसी भी संस्थान की नौकरी की मांग को पूरा नहीं कर रहे हैं लेकिन कई किंतु-परंतु हैं।’ उन्होंने कहा,’नौकरी का बाजार तेजी से बढ़ रहा है लेकिन हमें कंपनियों की तरफ से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कंपनियां यह चाहती हैं कि जिन लोगों की छंटनी की थी उनके लिए रोजगार की गारंटी दी जाए।’ उन्होंने कहा, ‘यहां पर धन देने की भी समस्या है’। उन्होंने कहा,’कई कंपनियां पूरी गारंटी चाहती हैं लेकिन सेवा मुहैया कराने के एवज में दी जाने वाली रकम पर अत्यधिक मोलभाव कर रही हैं।’
कई स्टार्टअप ने कई कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया लेकिन वे अब इन कर्मचारियों को दूसरी नौकरी ढूंढ़ने में मदद भी कर रही हैं। बीते सप्ताह ओयो के संस्थान व समूह के मुख्य कार्याधिकार रीतेश अग्रवाल ने लिंक्डइन से अनुरोध किया था कि जिन लोगों को उनके समूह से नौकरी से निकाला गया है, उन्हें नई नौकरी ढूंढ़ने में मदद करे। उनका यह अनुरोध समाचार की सुर्खियों में बन गया था।
उन्होंने लिखा,’ओयो में कई प्रतिभाशाली उद्यमी शामिल हैं। तकनीक के क्षेत्र में नौकरी देने वाली कई कंपनियों ने हमसे टैलेंट एट द रेट ओयो डॉट कॉम पर संपर्क किया और हमने अपने संस्थान से बाहर गए कर्मचारियों की जानकारी उनसे साझा की।’ कंपनी के बयान के मुताबिक ओयो कर्मचारियों में 10 फीसदी कटौती कर रहा है और 600 नौकरियों की कटौती करेगा। अग्रवाल ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया,’ओयो में वरिष्ठ लीडर्स उनके दिए संपर्कों को खंगाल रही हैं। ऐसे लोगों को रोजगार मुहैया कराने में मदद कर रहे हैं। हम सोशल मीडिया पर भी इस सोच को आगे बढ़ा रहे हैं।’
उन्होंने कहा,’हमने संस्थान छोड़कर जा रहे कर्मचारियों की डायरेक्टरी बनाई है। हम इसे उन लोगों के साथ साझा कर रहे हैं जो बहुत कौशल संपन्न इन लोगों की सेवाएं लेना चाहते हैं।’ उन्होंने कहा,’मैं स्वयं पहल कर ओवाईओ में इन प्रतिभाशाली व्यक्ति विशेषों के महत्त्वपूर्ण योगदान को स्वीकार करता हूं। मैं उन्हें सुनिश्चित करता हूं कि जब भी किसी नई नौकरी की जरूरत होगी तो मैं सबसे पहले उन लोगों से संस्थान में वापस आने के लिए संपर्क करूंगा।’
तकनीकी शिक्षा क्षेत्र की प्रमुख बैजूस ने अत्यधिक घाटा होने के कारण अपने 50,000 कर्मचारियों में से पांच फीसदी की छंटनी कर दी थी। इस कारण 25,00 कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई थीं। उसने कहा कि निकाले गए इन लोगों को नौकरी पाने में मदद कर रही है। बैजूस ने अपने समूह की कंपनियों व्हाइट हैट जूनियर और टॉपर से 600 कर्मचारियों की छंटनी कर दी थी। बैजूस के प्रवक्ता के मुताबिक,’हमें मालूम है कि यह मुश्किल स्थिति है। इन कर्मचारियों के दर्द को कम करने के लिए हमने डेडिकेटिड आउटप्लेसमेंट टीम गठित कर दी है। यह टीम इन कर्मचारियों को नौकरी ढूंढ़ने में मदद करेगी।’