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भारत में Space Sector के 189 स्टार्ट अप डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रजिस्टर्ड, केंद्रीय मंत्री ने गिनाई सरकार की पहल

केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि सरकार की तरफ से स्पेस सेक्टर को मजबूत करने के लिए कई तरह की पहल और योजनाएं चलाई जा रही हैं।

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रत्न शंकर मिश्र   
Last Updated- February 08, 2024 | 4:41 PM IST

Indian Space Sector Start ups: भारत में अंतरिक्ष क्षेत्र में लगातार बदलाव देखने को मिल रहा है। एक तरफ जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने राज्य सभा में बजट सेशन के दौरान ही राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव रखते हुए स्पेस सेक्टर के डेवलपमेंट की चर्चा की और मिशन मंगलयान की सफलता गिनाई, तो वहीं आज यानी 8 फरवरी को केंद्रीय स्वतंत्र राज्य मंत्री ने इसे लेकर राज्य सभा में ही एक लिखित बयान दिया।

जितेंद्र सिंह ने कहा कि स्पेस सेक्टर से जुड़े स्टार्ट अप्स को मजबूत बनाने के मोदी सरकार ने कई तरह के कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि लॉन्च व्हीकल और मैन्युफैक्चरिंग के लिए भी केंद्र सरकार स्टार्ट अप्स की फाइनैंशियल मदद भी कर रही है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत में इस समय डिजिटल प्लेटफॉर्म (Digital Platform) पर रजिस्टर्ड स्टार्ट अप्स की संख्या करीब 189 पहुंच गई है।

किस नियम के तहत स्पेस सेक्टर को मिल रहा प्रोत्साहन?

उन्होंने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष नीति 2023 (Indian Space Policy 2023 ) भारत सरकार द्वारा जारी की गई है, जहां ओवरऑल भारतीय स्पेस इकोसिस्टम में हिस्सा लेने वाले सभी हितधारकों की भूमिकाएं और जिम्मेदारियां बताई गई हैं।

क्या है IN-SPACe?

जितेंद्र सिंह ने अपने लिखित बयान में कहा कि प्राइवेट सेक्टर को प्रोत्साहित करने और उसका समर्थन करने के लिए IN-SPACe द्वारा कई योजनाओं का ऐलान किया गया है और उन्हें लागू किया गया। बता दें कि IN-SPACe एक स्वतंत्र नोडल एजेंसी है, जो स्पेस सेक्टर में काम कर रही प्राइवेट फर्मों को मॉनीटर करती है।

एजेंसी इसरो (ISRO) और गैर-सरकारी संस्थाओं (NGEs) के बीच एक इंटरफेस के तौर पर काम करती है और यह आकलन करती है कि भारत के अंतरिक्ष रिसोर्सेज का बेहतर उपयोग कैसे किया जाए और अंतरिक्ष-आधारित गतिविधियों को कैसे बढ़ाया जाए। यह एजूकेशनल और रिसर्च इंस्टीट्यूशन्स सहित प्राइवेट फर्मों की जरूरतों और मांगों का भी आकलन करता है, और इसरो के कंसल्टेशन से उन्हें उपलब्ध कराने की सुविधा प्रदान करता है।

प्राइवेट सेक्टर के स्टार्ट अप्स के लिए क्या-क्या हैं योजनाएं?

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सरकार की तरफ से स्पेस सेक्टर को मजबूत करने के लिए कई तरह की पहल और योजनाएं चलाई जा रही हैं। जिनमें सीड फंड स्कीम (Seed Fund Scheme), प्राइसिंग सपोर्ट पॉलिसी, मेंटरशिप सपोर्ट, NGE के लिए लैब डिजाइनिंग, स्किल डेवलपमेंट, ISRO की फैसिलिटी का उपयोग कर पाने के लिए सरकार की तरफ से सपोर्ट, NGE को टेक्नोलॉजी ट्रांसफर शामिल है। इसके अलावा, सरकार नेशनल और इटरनेशनल इंडस्ट्रीज के साथ समय-समय पर मीडिंग करती रहती है, ताकि बिजनेस के अवसरों को बढ़ावा दिया जा सके।

जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार की स्ट्रेटेजी मेक इन इंडिया के तहत देश में इनोवेशन, मैन्युफैक्चरिंग और आत्मनिर्भरता को बढ़ाना है।

भारत का पहला प्राइवेट लॉन्च पैड उड़ान के लिए तैयार

गौरतलब है कि हाल ही में चेन्नई की अंतरिक्ष स्टार्टअप कंपनी अग्निकुल कॉस्मॉस (Agnikul Cosmos) ने ऐलान किया है कि वह जल्द ही भारत के पहले प्राइवेट लॉन्च पैड से सैटेलाइट लॉन्च करने की तैयारी कर रही है। प्रक्षेपण यान ‘अग्निबाण’ इस वित्त वर्ष के दौरान ही श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जाएगा। ‘अग्निबाण’ दो चरण वाला प्रक्षेपण यान है। यह 100 किलोग्राम तक के पेलोड को पृथ्वी की निचली कक्षा तक करीब 700 किलोमीटर तक ले जाने की क्षमता रखता है।

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अग्निकुल द्वारा प्रक्षेपित होने वाले यान की दूसरी बड़ी खासियत यह रहेगी कि यह दुनिया का पहला सिंगल पीस 3डी प्रिंटेड इंजन रहेगा, जो पूरी से भारत में ही तैयार किया गया है। यान प्लग ऐंड प्ले वाले इंजन से लैस है जो इस मिशन की जरूरतों के हिसाब से तैयार किया गया है।

First Published : February 8, 2024 | 4:29 PM IST