facebookmetapixel
45% तक मिल सकता है रिटर्न! शानदार नतीजों के बाद Vodafone Idea, Bharti Airtel में तगड़ी तेजी का सिग्नलदिग्गज Defence Stock बन सकता है पोर्टफोलियो का स्टार, ब्रोकरेज का दावा- वैल्यूएशन तगड़ा; 35% रिटर्न का मौका2025 में 7% की रफ्तार से बढ़ेगी भारत की GDP, मूडीज ने जताया अनुमान35% गिर सकता है ये सरकारी Railway Stock! ब्रोकरेज का दावा, वैल्यूएशन है महंगाक्या सोने की बढ़ती कीमतें आने वाली महंगाई का संकेत दे रही हैं? एक्सपर्ट ने दिया बड़ा संकेतPhysicsWallah या Emmvee या Tenneco! किस IPO में पैसा लगाने रहेगा फायदेमंद, जान लेंPhysicsWallah IPO: सब्सक्राइब करने का आखिरी मौका, जानें GMP और ब्रोकरेज का नजरियाGold and Silver Price Today: सोना ₹1.26 लाख के पार, चांदी ₹1.64 लाख के करीब; दोनों मेटल में जोरदार तेजीएमएसएमई का सरकार से एनपीए नियमों में बड़े संशोधन का आग्रह, 90 से 180 दिन की राहत अवधि की मांगएनएफआरए में कार्य विभाजन पर विचार, सरकार तैयार कर रही नई रूपरेखा

स्पेक्ट्रम नीलामी से घरेलू कंपनियां विदेशी इकाइयों के मुकाबले हो सकेंगी प्रतिस्पर्धी: Jio

Jio ने कहा कि स्पेक्ट्रम नीलामी स्थानीय इकाइयों को विदेशी उपग्रह कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बनाएगी।

Last Updated- November 16, 2024 | 8:20 AM IST
Jio
Representative Image

रिलायंस जियो ने उपग्रह संचार (सैटकॉस) कंपनियों को नीलामी के बिना स्पेक्ट्रम आवंटित करने के प्रस्ताव का विरोध किया है। कंपनी ने कहा कि स्पेक्ट्रम नीलामी स्थानीय इकाइयों को विदेशी उपग्रह कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बनाएगी।

कंपनी ने इस बारे में दूरसंचार नियामक ट्राई को लिखे एक पत्र में कहा कि एलन मस्क के स्वामित्व वाली स्टारलिंक और अमेजन की कुइपर की संयुक्त सैटकॉम बैंडविड्थ पिछले कुछ वर्षों में सभी तीन प्रमुख भारतीय दूरसंचार कंपनियों की बनाई गई क्षमता से अधिक है।

जियो ने कहा, ‘‘नीलामी के माध्यम से स्पेक्ट्रम आवंटन भारतीय इकाइयों को विदेशी कंपनियों के साथ सीधे प्रतिस्पर्धा करने का अवसर प्रदान करेगा। विदेशी कंपनियों ने पहले आओ पहले पाओ आधारित आईटीयू (अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ) प्राथमिकता सूची को बाधित किया है और अपने स्वयं के समूह की योजना बनाई है।’’

कंपनी ने कहा कि स्पष्टता और निश्चितता के अभाव में स्पेक्ट्रम आवंटन/प्राथमिकता के बावजूद, कोई भी भारतीय इकाई कभी भी अपना स्वयं का एनजीएसओ (गैर-जियोस्टेशनरी कक्षा) शुरू नहीं कर पाएगी। उल्लेखनीय है कि दूरसंचार अधिनियम-2023 में सैटकॉम कंपनियों को नीलामी के बिना प्रशासनिक व्यवस्था के माध्यम से स्पेक्ट्रम आवंटन करने की बात कही गयी है।

इसका कारण उपग्रह कंपनियों को आवंटित रेडियो तरंगों को एक साझा स्पेक्ट्रम माना जाता है और माना जाता है कि सैटकॉम इकाई को अलग से ‘फ्रीक्वेंसी’ आवंटित करना तकनीकी रूप से संभव नहीं है। जियो ने इस तर्क को भी खारिज कर दिया कि सैटकॉम सेवाएं उन दूरसंचार सेवाओं की पूरक होंगी जहां कोई नेटवर्क कवरेज नहीं है।

First Published - November 16, 2024 | 8:20 AM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट