अपने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के साथ पूंजी बाजार में उतरने की तैयारी कर रही प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनी स्नैपडील ने पिछले तीन वर्षों के दौरान बाजार में मूल्य को लेकर कहीं अधिक सचेत रहने वाले ग्राहकों जबरदस्त ध्यान केंद्रित करते हुए अपने कारोबार को आगे बढ़ाया है। यही कारण है कि उसके प्लेटफॉर्म पर 90 फीसदी से अधिक उत्पादों की कीमत 1,000 रुपये के दायरे में है।
इसी क्रम में कंपनी ने महज एक साल के भीतर 10 ब्रांडों के साथ ‘पावर ब्रांड्स’ कार्यक्रम भी चलाया है जहां स्नैपडील बैद्धिक संपदा अधिकार खुद अपने पास रखते हुए तीसरे पक्ष के विक्रेताओं को लाइसेंस प्रदान करती है। ऐसा लोकप्रिय श्रेणियों जैसे परिधान, फैशन ऐक्सेसरीज, फुटवियर, होम ऐंड किचन, हेल्थ ऐंड वेलनेस, पर्सनल ग्रूमिंग आदि में किया है।
स्नैपडील के प्रवक्ता ने कहा, ‘पावर ब्रांड की इन्वेंट्री विक्रेताओं द्वारा नियंत्रित और उनके स्वामित्व में होती है। उपयोगकर्ताओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए इस सहयोगी दृष्टिकोण के तहत विक्रेताओं, खरीदारों और इस प्लेटफॉर्म सभी के हितों का ध्यान रखा गया है। इन विनिर्माताओं/ विक्रेताओं का चयन विभिन्न मानदंडों के आधार पर किया जाता है। गुणवत्तायुक्त अच्छे उत्पादों की आपूर्ति करने की क्षमता रखने वाले आपूर्तिकर्ताओं को शॉर्टलिस्ट किया जाता है। ये पावर ब्रांड प्लेटफॉर्म पर इन वस्तुओं की आपूर्ति को व्यवस्थित करने में मदद करते हैं। पावर ब्रांड कार्यक्रम के तहत ब्रांडिंग मदद से विक्रेताओं को आगे बढऩे के लिए सशक्त किया जाता है।’
यह कार्यक्रम उन निजी लेबल से अलग है जिन्हें एमेजॉन जैसी ई-कॉमर्स कंपनियां आगे बढ़ाती हैं। एमेजॉन के पास ऐसा ही एक सोलिमो ब्रांड है। जबकि स्नैपडील के कार्यक्रम के तहत इन्वेंट्री पर उसका स्वामित्व अथवा नियंत्रण नहीं होता है। विक्रेताओं को उनके खुद के ब्रांड के तहत उत्पादों का विनिर्माण करने अथवा बिक्री करने का विकल्प दिया गया है। इसके अलावा वे लाइसेंस शुल्का भुगतान करते हुए स्नैपडील के ब्रांड का उपयोग भी कर सकते हैं। किसी भी मामले में स्नैपडील अन्य विक्रेताओं अथवा ब्रांडों के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं करती है। उदाहरण के तौर पर पुरुषों के लिए टी-शर्ट ब्रांड डेविड मिलर, होम ऐंड किचन ब्रांड होमेटेल्स आदि।
कार्नी की एक हालिया शोध रिपोर्ट के अनुसार, मूल्य को लेकर अधिक संवेदनशील खरीदारों की जरूरतों और मांगों का भारतीय परिवार में करीब 70 फीसदी योगदान होता है। किफायती लाइफस्टाइल उत्पादों का खुदरा बाजार 2030 तक बढ़कर 215 अरब डॉलर होने का अनुमान है जो 2019 में 90 अरब डॉलर का था। इसमें परिधान, फुटवियर, फैशन ऐक्सेसरीज, कॉस्मेटिक्स, छोटे अप्लायंसेज आदि शामिल हैं।
स्नैपडील की नजर सॉफ्टबैंक, ब्लैकरॉक, टेमासेक, फॉक्सकॉन, प्रेमजी इन्वेस्ट, इंटेल कैपिटल, बेसेमर वेंचर पार्टनर्स और रतन टाटा जैसे निवेशकों पर है। कंपनी आईपीओ के जरिये 35 से 40 करोड़ डॉलर जुटाने की तैयारी कर रही है और उसका मूल्यांकन संभवत: 2.5 से 3 अरब डॉलर होगा। कंपनी आईपीओ से पहले अपने बोर्ड सुदृढ़ कर रही है और इसी क्रम में पिछले दो महीनों के दौरान चार नए सदस्यों को शामिल किया गया है।