देश की सबसे बड़ी क्विक सर्विस रेस्तरां (क्यूएसआर) कंपनी जुबिलेंट फूडवर्क्स का शेयर हाल में अपने 52 सप्ताह के ऊंचे स्तर पर पहुंच गया। नवंबर के शुरू से यह शेयर 25 फीसदी चढ़ा है जबकि इस दौरान सेंसेक्स में करीब 1 प्रतिशत की कमजोरी आई है। कंपनी कमजोर मांग के माहौल में भी अपने प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रही है। विश्लेषकों का मानना है कि वह वित्त वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में भी बिक्री की मजबूत रफ्तार बरकरार रख सकती है।
कैलेंडर वर्ष 2024 में उपभोक्ता मंदी की मार झेलने के बाद इस क्षेत्र में अगले वर्ष (कैलेंडर वर्ष 2025) सुधार आने की उम्मीद है। कमजोर खपत परिवेश के अलावा छोटे क्यूएसआर ब्रांडों और क्लाउड किचन (स्विगी/जोमैटो जैसे एग्रीगेटरों की मदद ) से प्रतिस्पर्धा बढ़ने से संगठित क्यूएसआर बाजार प्रभावित हुआ है।
आईआईएफएल रिसर्च में विश्लेषक पर्सी पंथकी का मानना है कि कैलेंडर वर्ष 2024 इस क्षेत्र के लिए कमजोर रहा है। हालांकि, कैलेंडर वर्ष 2025 में कम आधार, मेनू में नवाचारों और बेहतर किफायत से लाभ जैसे कारकों की वजह से कुछ सुधार देखा जा सकता है। इसके अलावा खाद्य मुद्रास्फीति में नरमी आने और शहरी खपत में जल्द सुधार से क्यूएसआर बिक्री में भी इजाफा दिख सकता है।
जुबिलेंट में अच्छी तेजी आई है। इसे ध्यान में रखते हुए ब्रोकरेज ने देवयानी इंटरनैशनल को ज्यादा प्राथमिकता दी है। उसके बाद सेफायर फूड्स इंडिया को पसंद किया है। सितंबर तिमाही के दौरान जुबिलेंट अपने प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन करने में सफल रही। उसे अपने डिलिवरी चैनल के दमदार प्रदर्शन का फायदा मिला। इस डिलिवरी व्यवसाय ने 16 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की और इसे डिलिवरी शुल्क माफ होने का लाभ मिला।
डोमिनोज इंडिया ने दूसरी तिमाही में सबसे अधिक ऑर्डर, सबसे अधिक ऐप ट्रैफिक एवं कन्वर्जन तथा प्रति स्टोर सर्वाधिक बिक्री दर्ज की। ब्रांड/ग्राहकों के लिए प्रौद्योगिकी में अधिक निवेश, डिलिवरी शुल्क में छूट, उत्पाद नवाचार में वृद्धि और स्टोर संख्या में वृद्धि के कारण यह संभव हुआ। इनसे 20 मिनट में डिलिवरी संभव हुई। कुल मिलाकर लाइक फॉर लाइक (एलएफएल) वृद्धि जुबिलेंट के लए 2.8 फीसदी रही और इसे काफी हद तक 11.4 प्रतिशत की डिलिवरी एलएफएल वृद्धि से मदद मिली। उसकी प्रतिस्पर्धी कंपनियों ने वृद्धि पर दबाव महसूस किया।
सफायर फूड्स ने पिज्जा हट में एलएफएल की वृद्धि में 3 फीसदी और केएफसी में 8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की। देवयानी ने इस मद में पिज्जा हट के लिए 5.7 फीसदी और केएफसी के लिए 7 फीसदी तक की कमजोरी दर्ज की। रेस्टोरेंट ब्रांड्स एशिया (बर्गर किंग इंडिया) ने 3 फीसदी की गिरावट दर्ज की जबकि वेस्टलाइफ फूडवर्ल्ड के लिए एलएफएल में 6.5 फीसदी तक की कमी आई।
कंपनी ने 19.4 प्रतिशत के परिचालन मुनाफा मार्जिन के साथ निराश किया जो पिछले साल की समान तिमाही की तुलना में 150 आधार अंक कम था। यह ऊंचे प्रोत्साहन व्यय और मुफ्त डिलिवरी की पेशकश के कारण हुआ। मौजूदा ऑफर और मुद्रास्फीति जोखिम को देखते हुए, ज्यादातर ब्रोकरों का मानना है कि आगे चलकर मार्जिन 19-20 प्रतिशत के सीमित दायरे में रहेगा। कई तरह की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने इस शेयर के लिए ‘घटाएं’ रेटिंग दी है।