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Shapoorji Pallonji ग्रुप को ड्यूश बैंक से मिली ₹28,000 करोड़ की फंडिंग, Tata Sons की हिस्सेदारी गिरवी रखी

यह फंडिंग तीन साल की नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर (NCD) के जरिए जुटाई गई है, जो 19.75% का सालाना चक्रवृद्धि रिटर्न दे रही है और मेच्योरिटी पर पूरी राशि चुकाई जाएगी।

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रिमझिम सिंह   
Last Updated- May 31, 2025 | 2:29 PM IST

ड्यूश बैंक (Deutsche Bank) ने अमेरिका के बाहर अब तक का सबसे बड़ा प्राइवेट क्रेडिट ट्रांजैक्शन करने की योजना बनाई है। बैंक ने शापूरजी पालोनजी ग्रुप (Shapoorji Pallonji) के लिए 3.35 अरब डॉलर (करीब ₹28,000 करोड़) जुटाए हैं। इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की इस दिग्गज कंपनी ने टाटा सन्स (Tata Sons) में अपनी हिस्सेदारी के एक हिस्से को गिरवी रखकर यह फंडिंग हासिल की है। द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस डील में ब्लैकरॉक (BlackRock) और मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley) जैसे वैश्विक निवेशकों ने भागीदारी की है। यह फंडिंग तीन साल की नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर (NCD) के जरिए जुटाई गई है, जो 19.75% का सालाना चक्रवृद्धि रिटर्न दे रही है और मेच्योरिटी पर पूरी राशि चुकाई जाएगी। यह दर SP ग्रुप की पिछली डेट डील्स से ज्यादा है—2023 में ग्रुप की यूनिट गोस्वामी इंफ्राटेक ने 18.75% यील्ड पर 1.7 अरब डॉलर जुटाए थे।

ड्यूश बैंक की बड़ी हिस्सेदारी और ग्लोबल सिंडिकेशन

ड्यूश बैंक ने बॉन्ड इश्यू में 89.3 करोड़ डॉलर की प्रतिबद्धता जताई है और इसके 50 करोड़ डॉलर से अधिक अपने पास बनाए रखने की उम्मीद है। जर्मन बैंक ने इस सौदे को ब्लैकरॉक, सोना कैपिटल, मॉर्गन स्टेनली और PIMCO सहित कई वैश्विक निवेशकों को सौंप दिया। खास बात यह है कि यह डील सोना कैपिटल और PIMCO जैसी कंपनियों के लिए भारत में पहला बड़ा प्राइवेट क्रेडिट निवेश था।

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3.35 अरब डॉलर की फंडिंग राउंड में तीन अलग-अलग प्रकार के निवेशक समूह शामिल हुए। इनमें स्टर्लिंग बॉन्ड्स के मौजूदा बॉन्डहोल्डर, गोस्वामी बॉन्ड्स के वर्तमान निवेशक, और अमेरिका, ब्रिटेन, हांगकांग, सिंगापुर और भारत से प्राइवेट क्रेडिट निवेशकों का एक नया समूह शामिल हैं।

ड्यूश बैंक ने अपनी हिस्सेदारी को अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट फंड्स में फैलाया, जिसमें ब्लैकरॉक ने 7 करोड़ डॉलर, सोना कैपिटल ने 18 करोड़ डॉलर, मॉर्गन स्टेनली इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट ने 6 करोड़ डॉलर और PIMCO ने 4.5 करोड़ डॉलर का निवेश किया। यह समूह कुल मिलाकर लगभग 35.5 करोड़ डॉलर का निवेश करता है, जिसे Ares Capital के अलग से किए गए 50 करोडॉ डॉलर के निवेश से और समर्थन मिला।

SP ग्रुप के लंबे समय से कर्जदाता रहे Farallon Capital ने 59.6 करोड़ डॉलर (लगभग ₹5,100 करोड़) का निवेश किया। अन्य प्रमुख निवेशकों में Davidson Kempner ने 40.1 करोड़ डॉलर और Cerberus Capital ने 47.4 करोड़ डॉलर की प्रतिबद्धता जताई।

टाटा संस में हिस्सेदारी और रियल एस्टेट संपत्ति के बदले मिला फंड

यह लोन शापूरजी पालोनजी ग्रुप की टाटा संस में 9.2% हिस्सेदारी के बदले सुरक्षित किया गया है, जो स्टर्लिंग इन्वेस्टमेंट के जरिए होल्ड की गई है। इसके अलावा, शापूरजी पालोनजी रियल एस्टेट और SP Energy (ग्रुप का ऑयल एंड गैस कारोबार) की संपत्तियां भी गिरवी रखी गई हैं।

यह बॉन्ड इश्यू, जिसे ड्यूश बैंक ने विशेष रूप से आयोजित किया है, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) नियमों में बदलाव के बाद किया गया पहला बड़ा कॉरपोरेट बॉन्ड प्लेसमेंट है। अब विदेशी निवेशकों को VRR की बजाय जनरल लिमिट रूट के तहत निवेश की अनुमति दी गई है, जो अपेक्षाकृत अधिक लचीला है। रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।

नियामकीय बदलाव और समय ने डील को प्रभावित किया

यह डील शुरुआत में मार्च में पूरी होनी थी, लेकिन भूराजनैतिक अनिश्चितताओं के कारण इसमें छह हफ्तों की देरी हुई। रिपोर्ट के अनुसार, इस डील से मिली राशि का एक हिस्सा मौजूदा कर्ज को चुकाने और SP ग्रुप के रियल एस्टेट और इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन (EPC) बिजनेस में ग्रोथ के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। साथ ही, यह डील भारत के बड़े कॉरपोरेट समूहों के लिए पूंजी जुटाने के रास्ते बदल सकती है।

First Published : May 31, 2025 | 2:03 PM IST