उपभोक्ता वस्तुएं बनाने वाली कंपनी हिंदुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड (एचयूएल) ने शैंपू बाजार में अपना हिस्सा बढ़ाया है। वहीं दूसरी तरफ प्रॉक्टर ऐंड गैंबल और के विन केयर को इस हिस्सेदारी में कुछ कमी आई है। बाजार शोध करने वाली एजेंसी एसी नीलसन द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार हिंदुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड की बाजार में हिस्सेदारी पिछले साल जनवरी- मार्च तिमाही में 46.9 प्रतिशत थी, जो अक्टूबर- दिसंबर तिमाही में बढ़कर 47.8 प्रतिशत हो गई है। इसी दौरान दूसरे नंबर की कंपनी प्रॉक्टर ऐंड गैंबल की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत से घटकर 23.7 प्रतिशत रह गई। तीसरे पायदान पर काबिज केविन केयर की हिस्सेदारी भी 12.6 फीसदी से घटकर 12 फीसदी ही हो गई थी।
भारत में शैंपू बाजार 2,141 करोड़ रुपये का है और प्रतिवर्ष 14.5 प्रतिशत की दर बढ़ रहा है। हाल ही में आईटीसी और गार्नियर जैसी कंपनियों ने इस बाजार में तेजी की लहर पैदा कर दी है। प्रॉक्टर ऐंड गैंबल(पीऐंडजी) ने अपनी घटती हिस्सेदारी की बात क ा खंडन किया है।
पीऐंडजी के प्रवक्ता ने बताया कि शैंपू बाजार में कंपनी की हिस्सेदारी हर साल बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि पिछले तीन साल से पीऐंडजी हेयर केयर क्षेत्र में तेजी से उभरने वाली पहली दो कंपनियों में शामिल है। उन्होंने कहा कि- कंपनी की नीतियों क ी वजह से हम अपनी बिक्री के आंकड़े किसी को नहीं बता सकते हैं। लेकिन हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि कंपनी क ा शैंपू हेड ऐंड शोल्डर्स भारत का पसंदीदा ऐंटी-डैंड्रफ शैंपू है। इसकी बिक्री को हमारी अन्य ब्रांडों की बिक्री के साथ मिलाकर देंखे तो हम पूरे बाजार का एक चौथाई हिस्सा है।
इस महीने हिंदुस्तान यूनीलीवर ने अपने सनसिल्क ब्रांड को विश्व भर में एक नए रुप में उतारा है। इसके लिए कंपनी ने निर्माण से लेकर वितरण तक के लिए बिल्कुल नए अभियान शुरू किए। विशेषज्ञों हिंदुस्तान यूनीलीवर की बाजार में बढ़ते वर्चस्व की वजह कंपनी के डव शैंपू की शृंखला को बाजार में उतारना मानते हैं। डव का कंपनी के और ब्रांडों के ऊपर हावी हो जाने की बात को कंपनी ने सिरे से नकार दिया। हेयर केयर श्रेणी में कंपनी प्रमुख एन राजाराम ने कहा कि- बाजार काफी तेजी से बढ़ रहा है और इस विकासशील बाजार में हमारे सभी ब्रांडों के लिए बराबर मौका है।
पीऐंडजी की तीन मुख्य शैंपू ब्रांड पैंटीन, हैड ऐंड शोल्डर्स और रिजॉइस हैं। केविन केयर अपने चिक और नाइल जैसे सस्ते शैंपू ब्रांड की वजह से गांवों में लोकप्रिय है। वहीं हिंदुस्तान लीवर ने लगभग सभी वर्गों के लिए उत्पाद बाजार में उतारे हैं। कंपनी का क्लीनिक प्लस एक बहुत बड़े जन समूह में लोकप्रिय है। सनसिल्क मध्यम कीमत का है, जबकि डव प्रीमियम श्रेणी का शैंपू है। बाजार शोध करने वाली एजेंसी यूरोमॉनिटर के वरिष्ठ विशेषज्ञ उमेश माधवन के मुताबिक इस बाजार के नए ग्राहक कम आय वाली श्रेणी के लोग हैं। इसका मुख्य कारण सस्ती कीमतों में उपलब्ध शैंपू सैशे के साथ ही युद्ध स्तर पर चलाए जा रहे विज्ञापन अभियान हैं। शहरों में भी लोग अब ‘एक परिवार एक शैंपू’ के चलन को छोड़कर अब ‘एक व्यक्ति एक शैंपू’ के रास्ते पर चल रहें हैं। इस बाजार के तेजी से विकसित होने का यह भी मुख्य कारण है।
गोदरेज और मैरिको के भी इस क्षेत्र में प्रवेश करने से प्रतिस्पर्धा और ज्यादा कड़ी हो जाएगी। विशलेषकों के मुताबिक कंपनियों को प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए अपने ग्राहकों से जुड़ना होगा। ऐसा करने के लिए कंपनियां क्या योजनाएं बनाती हैं इस पर सभी की निगाह रहेगी। इसके लिए कंपनियों को हिंदुस्तान की तरह ही बड़े पैमाने पर विज्ञापन अभियान चलाना पड़ेगा, जिसके लिए कंपनियों को बहुत ज्यादा खर्च करना पड़ेगा।
