बीते कुछ महीनों में कई भारतीय आईटी सेवा प्रदाता कंपनियों में मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) बदले हैं। मगर नई बात यह दिखी है कि सीईओ के जाने पर मध्य-वरिष्ठ स्तर के अधिकारी भी कंपनी छोड़कर दूसरी जगह चले जाते हैं। माना जा रहा है कि यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा।
मोतीलाल ओसवाल की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है, ‘आईटी फर्मों में मध्य-वरिष्ठ अधिकारियों की आवाजाही नई बात नहीं है और कई बार ऐसा सीईओ बदलने पर भी होता है। इसके साथ ही आईटी सेवाओं और कैप्टिव में खास तौर पर आपूर्ति की भूमिका में वरिष्ठ प्रतिभाओं की अच्छी मांग बनी हुई है।’आईटी कंपनियों को ठेके पर कर्मचारी दिलाने वाली एजेंसी टैलेंटऑनलीज के संस्थापक दया प्रकाश ने कहा, ‘किसी भी संगठन में तालमेल बनाए रखने में सीईओ की भूमिका अहम होती है और वह संगठन को स्थायित्व, मार्गदर्शन तथा उद्देश्य की भावना प्रदान करता है।’
उन्होंने कहा, ‘जब शीर्ष पदों पर बैठा कोई अधिकारी कंपनी छोड़कर जाता है तो संगठन के भविष्य, उद्देश्य एवं संस्कृति के प्रति अनिश्चितता पैदा हो सकती है। इस तरह की अनिश्चितता से अक्सर मध्य-वरिष्ठ स्तर के कर्मचारियों की चिंता बढ़ जाती है, जो नेतृत्व शैली, प्राथमिकता में संभावित बदलाव या संभावित पुनर्गठन की आशंका से चिंतित हो सकते हैं।’
बीते कुछ महीनों में आईटी क्षेत्र में कुछ जाने-माने सीईओ एक फर्म छोड़कर दूसरी में गए हैं। इन्फोसिस के पूर्व अध्यक्ष रवि कुमार एस इस साल जनवरी में कॉग्निजेंट टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस में बतौर सीईओ नियुक्त हुए हैं। वह इन्फोसिस में करीब 20 साल तक अपनी सेवाएं दे चुके हैं। इसके तुंरत बाद कॉग्निजेंट की चीफ पीपल ऑफिसर रेबेका श्मिट ने कंपनी से इस्तीफा दे दिया और पेप्सिको में मुख्य मानव संसाधन अधिकारी बन गईं। इसी तरह करीब दो दशक तक इन्फोसिस में रहने के बाद मोहित जोशी ने कंपनी को अलविदा कह दिया और टेक महिंद्रा में शीर्ष पद पर नियुक्त हो गए। 19 दिसंबर, 2023 को सी पी गुरनानी के सेवानिवृत्त होने के बाद जोशी टेक महिंद्रा के प्रबंध निदेशक और सीईओ का जिम्मा संभालेंगे। पिछले साल टेक महिंद्रा की चीफ ट्रांसफॉर्मेशन ऑफिसर सिम्मी धमीजा ने कंपनी से इस्तीफा देकर विप्रो में मुख्य परिचालन अधिकारी-एपीएमईए का जिम्मा संभाल लिया था।
हाल ही में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के सीईओ राजेश गोपीनाथन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और उनकी जगह कंपनी ने के कृत्तिवासन को कंपनी की कमान सौंप दी। विप्रो में 2020 में थिएरी डेलापोर्ट के सीईओ बनने के बाद से ही वरिष्ठ कर्मचारियों का कंपनी से जाना लगा हुआ है। हाल ही में विप्रो में हेल्थकेयर और चिकित्सा उपकरण कारोबार के प्रमुख मोहम्मद हक ने इस्तीफा दिया है। कंपनी में वाइस प्रेसिडेंट रहे गुरविंदर सिंह भी अप्रैल में विप्रो को अलविदा कह पर्सिस्टेंट सिस्टम्स में मुख्य मार्केटिंग अधिकारी बन गए।
सीआईईएल एचआर सर्विसेज के एमडी और सीईओ आदित्य मिश्रा के अनुसार सीईओ के पद छोड़ने पर स्थायित्व सुनिश्चित करने के लिए कंपनियों को बेहतर उत्तराधिकार योजना पर जोर देना चाहिए। एडेको इंडिया में निदेशक- मैनेज्ड सर्विसेज ऐंड प्रोफेशनल स्टाफिंग ए आर रमेश ने कहा कि ऐसे बदलाव के दौरान कर्मचारियों को मदद व संसाधन देना जरूरी है, जिससे उन्हें अनिश्चितता से बचने में मदद मिल सकती है।