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कंपनियों में रोमांस: स्पष्ट नियम-कायदे पर बढ़ती सक्रियता

ऐसा नहीं है कि कंपनियां किसी को किसी के साथ रिश्ते में रहने से मना नहीं करती हैं बल्कि उनकी अपेक्षा सिर्फ इतनी है कि रिश्तों के बारे में साफगोई से बता दिया जाए।

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शार्लीन डिसूजा   
सार्थक चौधरी   
सोहिनी दास   
Last Updated- September 05, 2025 | 8:59 AM IST

कनेस्ले ने 1 सितंबर को अपनी कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) लोरॉन फ्रीक्स को तत्काल प्रभाव से नौकरी से निकाल दिया। वजह यह थी कि उन्होंने अपने अधीन काम करने वाली एक कर्मचारी के साथ अपने अंतरंग संबंधों वाले रिश्ते को छिपाया था।

कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘लोरॉन फ्रीक्स को इसलिए हटाया गया है क्योंकि जांच में पता चला कि उनका अपने अधीन काम करने वाली एक कर्मचारी के साथ अफेयर चल रहा था, जिसके बारे में उन्होंने कंपनी को नहीं बताया था। यह नेस्ले की कार्यप्रणाली में आचरण से जुड़े नियमों का उल्लंघन है।’

नेस्ले की तरह ही, कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों में भी बॉस और उसके अधीन काम करने वाले कर्मचारी के बीच रिपोर्टिंग के सीधे रिश्ते को लेकर आंतरिक स्तर पर आचरण से जुड़े नियम तय होते हैं क्योंकि इससे हितों का टकराव हो सकता है। ऐसी नीतियों के तहत कर्मचारियों से यह उम्मीद की जाती है कि वे अपने निजी संबंधों के बारे में कंपनी को बताएं, चाहे वो परिवार के सदस्य, जीवनसाथी, या रोमांटिक पार्टनर ही क्यों न हों ताकि कंपनी इसमें हस्तक्षेप कर सके और रिपोर्टिंग की व्यवस्था बदल सके। कई भारतीय कंपनियों में भी ऐसे ही सुरक्षा नियम लागू हैं, हालांकि जब उनसे उनकी इन आचरण संबंधी नीतियों के बारे में संपर्क किया गया तो बहुत कम कंपनियों ने इस पर खुलकर बात की।

हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल) कुछ उन चुनिंदा कंपनियों में से एक थी जिसने जवाब दिया। कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘एचयूएल में, हितों का टकराव पैदा होने वाली स्थिति को संभालने में हमारी ‘व्यावसायिक सिद्धांतों की संहिता’ मार्गदर्शन करती है। किसी भी संभावित टकराव का स्पष्ट रूप से खुलासा किया जाना चाहिए ताकि उसका प्रबंधन ठीक से किया जा सके।’

हालांकि, एक प्रमुख वाहन कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह स्वीकार किया कि खुलासा करने के नियमों को लागू करना मुश्किल हो सकता है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा, ‘नियम और रोमांस क्या एक-दूसरे के विरोधाभासी नहीं लगते?’ नाम न बताने की शर्त पर उस अधिकारी ने कहा कि कंपनी अनौपचारिक रूप से यह सुनिश्चित करती है कि पति-पत्नी को बॉस-जूनियर की भूमिका में न रखा जाए, लेकिन ऑफिस रोमांस जैसी स्थिति के लिए विशेष तौर पर आचरण को लेकर कोई मानव संसाधन नियमावली नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘इस तरह के नियम लागू करना व्यावहारिक रूप से असंभव है। कोई कर्मचारी यह क्यों बताएगा कि वह किसके साथ कॉफी पी रहा/रही है? कई रिश्ते संभावनाओं तलाशने वाले शुरुआती दौर में होते हैं और जरूरी नहीं कि ऐसे रिश्ते शादी के मुकाम तक ही पहुंचें। हम कर्मचारियों को इस तरह की मुलाकातों का खुलासा करने या इसकी जानकारी देने के लिए कैसे मजबूर कर सकते हैं?’

उन्होंने आगे कहा कि कर्मचारी आमतौर पर जोखिमपूर्ण स्थिति को लेकर सावधान रहते हैं, खासतौर पर इसलिए क्योंकि अगर किसी जूनियर को ऐसे रिश्ते के कारण असहज महसूस होता है या उसे किसी तरह के पक्षपात या भेदभाव का अनुभव होता है, तो ऐसी स्थिति में यौन उत्पीड़न की रोकथाम (पॉश) अधिनियम के तहत कोई भी शिकायत सामने आ सकती है। उन्होंने कहा, ‘इसी वजह से कर्मचारी आमतौर पर अपने दफ्तर में ऐसे संबंध बनाने से बचते हैं।’

इस तरह के मुद्दे वैश्विक स्तर पर भी चुनौतियां बन रहे हैं। जुलाई महीने में, न्यूयॉर्क की प्रौद्योगिकी कंपनी एस्ट्रोनॉमर ने अपने सीईओ एंडी बायरन के इस्तीफे की घोषणा की। यह घोषणा तब की गई जब वह एक कॉन्सर्ट में एक जुनियर कर्मचारी को गले लगाते हुए कैमरे में देखे गए। इस स्कैंडल के बाद कंपनी ने एक बयान जारी कर कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि हमारे नेतृत्वकर्ता अपने आचरण और जवाबदेही, दोनों में एक मानक स्थापित करेंगे।’

उस घटना के बाद बिज़नेस स्टैंडर्ड से बात करते हुए, बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस के मुख्य तकनीकी अधिकारी (कॉमर्शियल) अमरनाथ सक्सेना ने इस तरह की स्थितियों से पैदा होने वाली कानूनी दिक्कतों के बारे में बात की। उन्होंने कहा, ‘कार्यस्थल पर निजी संबंध, खासतौर पर एक वरिष्ठ नेतृत्वकर्ता और एक जूनियर के बीच संभावित रूप से कानूनी चुनौतियों का कारण बन सकती हैं, खासकर अगर हितों का टकराव, पक्षपात के आरोप, काम का खराब माहौल, या कॉरपोरेट प्रशासन के मानदंडों का उल्लंघन जैसी स्थिति बनती महसूस हो रही हो।’

बीमा के नजरिये से सक्सेना ने बताया कि ऐसी स्थिति में डायरेक्टर्स ऐंड ऑफिसर्स (डीऐंडओ) लायबिलिटी इंश्योरेंस महत्वपूर्ण हो जाता है। उन्होंने कहा, ‘डीऐंडओ नीतियां, रोजगार कार्यप्रणाली-संबंधी दावों (ईपीएलआई) के लिए भी बीमा कवर देती हैं।’

उदाहरण के तौर पर अगर कोई कर्मचारी आरोप लगाता है कि संबंधों में सहमति नहीं थी तब ईपीएलआई कवर, कानूनी लागत और निपटान को पूरा कर सकता है। ऐसे मामलों की वजह से पैदा हुई स्थितियों में गलत तरीके से नौकरी से निकालने के मुकदमों को भी कवर किया जा सकता है।

सक्सेना ने समझाया, ‘वैकल्पिक रूप से, यदि शेयरधारक आरोप लगाते हैं कि वरिष्ठ नेतृत्वकर्ता के खराब आचरण से जुड़ी घटना पर बोर्ड के अधिकारियों ने ठीक से काम नहीं किया या अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई तब डीऐंडओ पॉलिसी शुरू हो सकती है।’ उन्होंने चेतावनी देते हुए कि ऐसे में मामला बहुत बढ़ सकता है और कानूनी प्रक्रिया में बहुत पैसे खर्च हो सकते हैं क्योंकि इसमें करियर और प्रतिष्ठा दांव पर लगी होती हैं।

भारत की कई शीर्ष आईटी कंपनियों, रियल एस्टेट की बड़ी कंपनियों, और स्टील, दूरसंचार, दवा, वाहन और ई-कॉमर्स कंपनियों को भेजे गए ईमेल और संदेशों का कोई जवाब नहीं मिला। एक बड़ी आईटी सेवा कंपनी में काम करने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आईटी उद्योग में एक ही कंपनी में काम करने वाले पति-पत्नी होना आम बात थी लेकिन वे अलग-अलग विभागों में काम करते थे।

नेस्ले के 63 वर्षीय फ्रीक्स कॉरपोरेट जगत के पहले ऐसे शीर्ष अधिकारी नहीं हैं जिन्हें ऑफिस रोमांस के बारे में न बताने के कारण अपनी नौकरी गंवानी पड़ी है। वर्ष 2023 में, बीपी के सीईओ बर्नार्ड लूनी ने अपने सहकर्मियों के साथ बने पिछले संबंधों का पूरा खुलासा नहीं किया जिसके कारण उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। ऐसा नहीं है कि कंपनियां किसी को किसी के साथ रिश्ते में रहने से मना नहीं करती हैं बल्कि उनकी अपेक्षा सिर्फ इतनी है कि रिश्तों के बारे में साफगोई से बता दिया जाए।

 

(साथ में शिवानी शिंदे, ईशिता अयान दत्त और गुलवीन औलख)

First Published : September 5, 2025 | 8:58 AM IST