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वैश्विक उतार-चढ़ाव के साथ Reliance Industries का निर्यात 5 तिमाहियों के निचले स्तर पर, Q2FY25 में 16% की गिरावट

आरआईएल के निर्यात को तेल से लेकर केमिकल डिविजन के कारोबार में दर्ज किया जाता है, जिसमें रिफाइनिंग, पेट्रोकेमिकल और फ्यूल रिटेल शामिल है।

Last Updated- October 20, 2024 | 10:44 PM IST
Reliance's KG-D6 gas

महामारी के बाद से ही वैश्विक तेल बाजार में उतारचढ़ाव होता रहा है और उसके बाद कई तरह के भूराजनीतिक तनाव सामने आते रहे। इन वजहों से रिलायंस इंडस्ट्रीज का निर्यात हालिया तिमाही में वैल्यू और तेल से लेकर केमिकल (ओ2सी) के राजस्व में हिस्सेदारी के लिहाज से कई तिमाही के निचले स्तर पर चला गया है। सितंबर 2024 में समाप्त तिमाही में आरआईएल का निर्यात 70,631 करोड़ रुपे रहा।

कंपनी ने कहा कि यह एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 16 फीसदी कम है। पिछले डिस्क्लोजर के आंकड़ों को संग्रहित करने पर बिजनेस स्टैंडर्ड ने पाया कि आरआईएल का दूसरी तिमाही का निर्यात पांच तिमाहियों के निचले स्तर पर है।

इस बारे में जानकारी के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज को गुरुवार को भेजे गए ईमेल का जवाब नहीं मिला। एक विश्लेषक ने कहा, आरआईएल की दो रिफाइनरी करीब-करीब एकसमान क्षमता वाली है। पहला देसरी टैरिफ एरिया में है, जहां पेट्रोकेमिकल का उत्पादन होता है और यह मुख्य रूप से देश की जरूरत पूरा करने के लिए है।

दूसरा एसईजेड रिफाइनरी है, जो मुख्य रूप से ट्रांसपोर्टेशन फ्यूल का उत्पादन करती है। इस तिमाही में ट्रांसपोर्टेशन फ्यूल के राजस्व पर असर पड़ा, जिसकी वजह कच्चे तेल की कम कीमत और सकल रिफाइनिंग मार्जिन थी। चूंकि पेट्रोकेमिकल मार्जिन कच्चे तेल की कीमत व सकल रिफा​इनिंग मार्जिन की तरह नहीं गिरा, ऐसे में कुल ओ2सी राजस्व में निर्यात की हिस्सेदारी कम है।

आरआईएल के निर्यात को तेल से लेकर केमिकल डिविजन के कारोबार में दर्ज किया जाता है, जिसमें रिफाइनिंग, पेट्रोकेमिकल और फ्यूल रिटेल शामिल है।

First Published - October 20, 2024 | 10:44 PM IST

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