facebookmetapixel
Power of SIP: ₹10,000 की SIP से बनेगा ₹7 करोड़ का फंड, जानें कितने साल लगेंगेउत्तर प्रदेश के हर जिले में खुलेंगे यूनिटी मॉल, दीवाली से पहले आयोजित होंगे स्वदेशी मेलेPPF समेत स्मॉल सेविंग स्कीम्स पर आया सरकार का फैसला, जानें कितना मिलेगा इंटरेस्टबिहार विधानसभा चुनाव: ECI ने जारी की वोटर लिस्ट; कहां और कैसे देखें अपना नाम?कैसे चुनें सबसे बेहतर म्युचुअल फंड? इन 6 जरूरी बातों का रखें ध्यानसुर​क्षित निवेश के लिए FD में लगा रहे हैं पैसा? जान लें सीए क्यों कहते हैं इसे ‘मनी मिथक’भारत को रोजगार संकट से बचाने के लिए दोगुनी तेजी जरूरी: Morgan StanleyEPFO ने किया आगाह- PF का किया गलत इस्तेमाल तो ब्याज समेत होगी वसूलीबिना कार्ड के भी निकालें ATM से पैसा — बस इन आसान स्टेप्स को करें फॉलोRBI ने स्माल बिजनेस लोन के नियमों में दी ढील, गोल्ड लोन का दायरा बढ़ा

REC लिमिटेड ने जीरो कूपन बॉन्ड्स के जरिए 5,000 करोड़ रुपये जुटाए, 7 गुना ओवरसबस्क्रिप्शन

छूट पर जारी REC के बॉन्ड की भारी मांग

Last Updated- September 30, 2024 | 10:35 PM IST
REC

आरईसी लिमिटेड ने सोमवार को सीबीडीटी नोटिफाइड जीरो कूपन बॉन्डों (जेडसीबी) के माध्यम से सालाना 6.25 प्रतिशत प्रभावी यील्ड पर 5,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। इस इश्यू की जोरदार मांग रही, और 5,000 करोड़ रुपये इश्यू आकार की तुलना में 7 गुना ओवरसबस्क्राइब हुआ।

इस इश्युएंस का आधार इश्यू आकार 1,000 करोड़ रुपये और ग्रीनशू ऑप्शन 4,000 करोड़ रुपये था। कंपनी को 33,670 करोड़ रुपये की बोली मिली है, जो आधार इश्यू से करीब 34 गुना ज्यादा है। जेडसीबी को भारी छूट पर जारी किया गया और अंकित मूल्य पर भुनाया गया।

इससे निवेशकों को कर लाभ मिला क्योंकि भुनाया जाना दीर्घावधि पूंजी लाभ के रूप में वर्गीकृत किया गया है और सीबीडीटी की अधिसूचना के कारण इस पर 12.5 प्रतिशत सालाना दर से कर लिया जाता है। भारी छूट वाले बॉन्ड सामान्यतया अंकित मूल्य के 20 प्रतिशत से ज्यादा छूट पर होते हैं और इस पर नियमित ब्याज भुगतान नहीं होता। जीरो कूपन बॉन्डो की तरह इस ढांचे में भी निवेशकों को फिर से निवेश का जोखिम नहीं होता।

जेएम फाइनैंशियल के मैनेजिंग डायरेक्टर और हेड (इन्वेस्टमेंट ग्रेड ग्रुप) अजय मंगलूनिया ने कहा, ‘पेपर की मांग उम्मीद से बेहतर थी।’उन्होंने कहा कि जीरो कूपन होने के कराण इस बॉन्ड में कोई निवेश संबंधी जोखिम नहीं होता है, दरअसर धन को उसी कूपन में निवेश कर दिया जाता है।

इन बॉन्डों को प्रमुख 4 क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों- केयर, क्रिसिल, इक्रा और आईआरआरपीएल से एएए रेटिंग्स मिली हुई है। रॉकफोर्ट फिनकैप एलएलपी के संस्थापक और मैनेजिंग पार्टनर वेंकटकृष्णन श्रीनिवासन ने कहा कि बाजार 6.5 से 6.75 प्रतिशत के आसपास यील्ड की उम्मीद कर रहा था।

First Published - September 30, 2024 | 10:35 PM IST

संबंधित पोस्ट