बिड़ला समूह (Birla Group) की कंपनी सेंचुरी टेक्सटाइल्स ऐंड इंडस्ट्रीज ने मुंबई के महंगे इलाके वर्ली में नुस्ली वाडिया से 1,100 करोड़ रुपये में 10 एकड़ जमीन खरीदी है। इस खरीद से संपत्ति के संबंध में दो प्रमुख कारोबारी परिवारों के बीच लंबे समय से चल रहा विवाद सुलझ गया है।
कंपनी की पूर्ण स्वामित्व वाली रियल एस्टेट क्षेत्र की सहायक कंपनी बिड़ला एस्टेट्स इस जमीन का विकास करेगी। शेयर बाजार को दी गई कंपनी की सूचना के अनुसार इस जमीन से कंपनी को 14,000 करोड़ की बुकिंग वैल्यू मिलने की संभावना है।
इस सौदे से कंपनी के पास इस विशेष क्षेत्र में कुल 30 एकड़ की जमीन हो जाएगी जिसकी कुल बुकिंग मूल्य क्षमता करीब 28,000 करोड़ रुपये होगी। घटनाक्रम के जानकार सूत्र ने बताया कि दोनों पक्ष न्यायालय में सहमति की शर्तें दाखिल करेंगे, जहां कानूनी विवाद चल रहा है।
सेंचुरी टेक्सटाइल्स ने बयान में कहा है कि वर्तमान में वर्ली को न केवल दक्षिण मुंबई में, बल्कि उससे आगे भी खरीदारों के लिए आकर्षण के केंद्र के रूप में देखा जाता है जो प्रीमियम इलाकों में क्यूरेटेड जीवनशैली चाहने वाले उपभोक्ताओं के रुख की पुष्टि करता है।
बयान में कहा गया है, ‘इससे इस महंगे इलाके में एकमुश्त 30 एकड़ की जमीन का मार्ग भी प्रशस्त होता है, जिसकी कुल बुकिंग मूल्य क्षमता करीब 28,000 करोड़ रुपये है। इसमें बिड़ला एस्टेट्स की प्रमुख परियोजना बिड़ला नियारा भी शामिल है, जिसे कुछ साल पहले पेश गया गया था। इसने बड़ी सफलता हासिल की थी और यह मुंबई क्षेत्र में सबसे तेजी से बिकने वाली वेबर लक्जरी परियोजनाओं में से एक है। इसके लॉंच के बाद से 5,700 करोड़ रुपये से अधिक की कुल बिक्री हुई है।’
साल 2009 में वाडिया ग्रुप ऑफ कंपनीज के चेयरमैन नुस्ली वाडिया ने सेंचुरी टेक्सटाइल्स के खिलाफ जमीन के इस्तेमाल के मामले में मुकदमा दायर किया था। नुस्ली वाडिया के परदादा नौरोजी वाडिया ने यह जमीन बिड़ला के स्वामित्व वाली सेंचुरी टेक्सटाइल मिल्स को 999 साल के लिए पट्टे पर दी थी।
चूंकि साल 2007 में मिल बंद हो गई, इसलिए वाडिया ने कहा कि सेंचुरी टेक्सटाइल्स को जमीन के विकास के लिए उनकी मंजूरी की जरूरत है। दूसरी तरफ सेंचुरी टेक्सटाइल्स ने पट्टा समझौते के किसी भी उल्लंघन से इनकार किया था। साल 2010 में लघु वाद न्यायालय ने बिड़ला द्वारा इस जमीन पर किसी भी तरह के निर्माण पर रोक लगा दी थी।